भारत अब विश्व राजनीति में एजेंडा सेटर के रूप में उभर रहा है: डाॅ अरविन्द कुमार*

 

*भारत अब विश्व राजनीति में एजेंडा सेटर के रूप में उभर रहा है: डाॅ अरविन्द कुमार*

*भारत का आर्थिक मॉडल जलवायु संकट तथा वैश्विक तपन जैसी समस्याओं को हल करने में एक नयी दृष्टि दे सकता है: डाॅ अरविन्द कुमार* 

*भारत अपने प्रयासों से विश्व का नेतृत्व करने में सक्षम है: डॉ अरविंद कुमार* रिपोर्टः

डीकेपंडित गयाबिहार

आज मगध विश्वविद्यालय, बोधगया अन्तर्गत  विश्व जनसख्या दिवस के अवसर पर राजनीति विज्ञान विभाग एवं लोक प्रशासन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में *इंडिया एस जी 20 प्रेसीडेंसी एंड इटस् पोटेंशियल फॉर वर्ल्ड लीडरशिप* विषय पर एक दिवसीय विशेष व्याख्यान आयोजित किया गया । कार्यक्रम की शुरूआत राजनीति विभाग के मुख्य द्वार पर माननीय कुलपति प्रोफेसर एसपी शाही तथा कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के अमेरिकन अध्ययन संस्थान के प्रोफेसर डाॅ अरविन्द कुमार का तिलक व आरती से किया गया ।  दीपोज्वलन के साथ कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत की गयी । इसके पश्चात् राजनीति विज्ञान विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर तथा कार्यक्रम के आयोजक सचिव डॉ अंजनी कुमार घोष द्वारा कार्यक्रम का परिचय दिया गया और कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे माननीय कुलपति प्रोफेसर एस पी शाही द्वारा अपना ऊर्जावान उद्बोधन दिया गया । उन्होंने बताया की कैसे कोविड 19 के समय में जब समस्त पठन-पाठन कार्य ठप था तब भी राजनीति विज्ञान तथा लोक प्रशासन विभाग छात्रों से जुड़े रहे और पढाई के क्रम को नहीं रुकने दिया । इसी क्रम में राजनीति विज्ञान विभाग के प्रोफेसर जयनंदन प्रसाद सिंह द्वारा स्वागत उद्बोधन किया गया । राजनीति विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डा निर्मला कुमारी ने कार्यक्रम की विषय वस्तु पर प्रकाश डाला । इसके पश्चात् कार्यक्रम के संयोजक लोक प्रशासन विभाग के प्रोफेसर इंचार्ज प्रोफेसर मोहम्मद एहतेशाम खान द्वारा स्वागत उद्बोधन दिया गया तथा उन्होंने कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डा अरविन्द कुमार को विषय पर बोलने के लिए आमंत्रित किया । डा अरविंद कुमार ने बहुत सरल व सुबोध शब्दों के साथ अपना व्याख्यान शुरू किया । उन्होंने बताया कि कैसे द्वितीय विश्व युद्ध के पश्चात् ब्रेटन वुड्स संस्थानों की स्थापना हुई और विश्व बैंक तथा आई एम् ऍफ़ केवल विकसित देशों के ही हितों को पूरा करने में लगे रहे । यह 1070 के दशक में विश्व आर्थिक संकट का कारण बना, तभी जी-7 की स्थापना की गयी लेकिन पुनः 2008 के विश्व आर्थिक संकट के बाद विकासशील देशों को जी - 7 में जोड़ा गया और जी-20 का गठन हुआ। डाॅ अरविन्द कुमार ने बताया की कैसे भारत अब विश्व राजनीति में एजेंडा सेटर के रूप में उभर रहा है । भारत का आर्थिक मॉडल जलवायु संकट तथा वैश्विक तपन जैसी समस्याओं को हल करने में एक नयी दृष्टि दे सकता है।  पेरिस प्रोटोकॉल को निर्धारित करने में भारत का मुख्य योगदान रहा । कोविड 19 के दौर में जब भारतीय स्वास्थ्य ढांचा कमजोर पङ रहा था, भारत ने साहस के साथ इस समस्या का सामना किया और अपनी वैक्सीन कूटनीति के द्वारा वैश्विक दक्षिण के लोगो में आशा की एक नयी किरण जगायी । आज भारत को जब जी-20 की अध्यक्षता करने का अवसर मिला है, भारत अपने प्रयासों से विश्व का नेतृत्व करने में सक्षम है।अंत में धन्यवाद ज्ञापन राजनीति विज्ञान के सहायक प्राध्यापक डॉ श्रध्दा ऋषि ने किया। कार्यक्रम में लोक प्रशासन विभाग एवं राजनीति विज्ञान विभाग के छात्र/छात्राएँ एवं शोधार्थी तथा विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागो के शिक्षक उपस्थित हुए।
*भारत का आर्थिक मॉडल जलवायु संकट तथा वैश्विक तपन जैसी समस्याओं को हल करने में एक नयी दृष्टि दे सकता है: डाॅ अरविन्द कुमार* 

*भारत अपने प्रयासों से विश्व का नेतृत्व करने में सक्षम है: डॉ अरविंद कुमार*

आज मगध विश्वविद्यालय, बोधगया अन्तर्गत  विश्व जनसख्या दिवस के अवसर पर राजनीति विज्ञान विभाग एवं लोक प्रशासन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में *इंडिया एस जी 20 प्रेसीडेंसी एंड इटस् पोटेंशियल फॉर वर्ल्ड लीडरशिप* विषय पर एक दिवसीय विशेष व्याख्यान आयोजित किया गया । कार्यक्रम की शुरूआत राजनीति विभाग के मुख्य द्वार पर माननीय कुलपति प्रोफेसर एसपी शाही तथा कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के अमेरिकन अध्ययन संस्थान के प्रोफेसर डाॅ अरविन्द कुमार का तिलक व आरती से किया गया ।  दीपोज्वलन के साथ कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत की गयी । इसके पश्चात् राजनीति विज्ञान विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर तथा कार्यक्रम के आयोजक सचिव डॉ अंजनी कुमार घोष द्वारा कार्यक्रम का परिचय दिया गया और कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे माननीय कुलपति प्रोफेसर एस पी शाही द्वारा अपना ऊर्जावान उद्बोधन दिया गया । उन्होंने बताया की कैसे कोविड 19 के समय में जब समस्त पठन-पाठन कार्य ठप था तब भी राजनीति विज्ञान तथा लोक प्रशासन विभाग छात्रों से जुड़े रहे और पढाई के क्रम को नहीं रुकने दिया । इसी क्रम में राजनीति विज्ञान विभाग के प्रोफेसर जयनंदन प्रसाद सिंह द्वारा स्वागत उद्बोधन किया गया । राजनीति विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष डा निर्मला कुमारी ने कार्यक्रम की विषय वस्तु पर प्रकाश डाला । इसके पश्चात् कार्यक्रम के संयोजक लोक प्रशासन विभाग के प्रोफेसर इंचार्ज प्रोफेसर मोहम्मद एहतेशाम खान द्वारा स्वागत उद्बोधन दिया गया तथा उन्होंने कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डा अरविन्द कुमार को विषय पर बोलने के लिए आमंत्रित किया । डा अरविंद कुमार ने बहुत सरल व सुबोध शब्दों के साथ अपना व्याख्यान शुरू किया । उन्होंने बताया कि कैसे द्वितीय विश्व युद्ध के पश्चात् ब्रेटन वुड्स संस्थानों की स्थापना हुई और विश्व बैंक तथा आई एम् ऍफ़ केवल विकसित देशों के ही हितों को पूरा करने में लगे रहे । यह 1070 के दशक में विश्व आर्थिक संकट का कारण बना, तभी जी-7 की स्थापना की गयी लेकिन पुनः 2008 के विश्व आर्थिक संकट के बाद विकासशील देशों को जी - 7 में जोड़ा गया और जी-20 का गठन हुआ। डाॅ अरविन्द कुमार ने बताया की कैसे भारत अब विश्व राजनीति में एजेंडा सेटर के रूप में उभर रहा है । भारत का आर्थिक मॉडल जलवायु संकट तथा वैश्विक तपन जैसी समस्याओं को हल करने में एक नयी दृष्टि दे सकता है।  पेरिस प्रोटोकॉल को निर्धारित करने में भारत का मुख्य योगदान रहा । कोविड 19 के दौर में जब भारतीय स्वास्थ्य ढांचा कमजोर पङ रहा था, भारत ने साहस के साथ इस समस्या का सामना किया और अपनी वैक्सीन कूटनीति के द्वारा वैश्विक दक्षिण के लोगो में आशा की एक नयी किरण जगायी । आज भारत को जब जी-20 की अध्यक्षता करने का अवसर मिला है, भारत अपने प्रयासों से विश्व का नेतृत्व करने में सक्षम है।अंत में धन्यवाद ज्ञापन राजनीति विज्ञान के सहायक प्राध्यापक डॉ श्रध्दा ऋषि ने किया। कार्यक्रम में लोक प्रशासन विभाग एवं राजनीति विज्ञान विभाग के छात्र/छात्राएँ एवं शोधार्थी तथा विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागो के शिक्षक उपस्थित हुए।