बोधगया में उप-क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र एवं नवप्रवर्तन केंद्र का फीता काटकर किया उद्घाटन

बोधगया में उप-क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र एवं नवप्रवर्तन केंद्र का फीता काटकर किया  उद्घाटन
रिपोर्टः डीकेपंडित गया बिहार
 गया। अन्तर्राष्ट्रीय ज्ञान भूमि बोधगया में उप-क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र एवं नवप्रवर्तन केंद्र को राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार ने बिहार विज्ञान एवं प्रावैधिकी परिषद, विज्ञान, प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग, बिहार सरकार के लिए विकसित किया है।
आज दिनांक 20 जुलाई को श्री सुमित कुमार सिंह, माननीय मंत्री, विज्ञान, प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग, बिहार सरकार ने बोधगया स्थित उप-क्षेत्रीय विज्ञान केंद्र एवं नवप्रवर्तन केंद्र का उद्घाटन फीता काटकर किया गया। इस विज्ञान केंद्र को राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार ने बिहार विज्ञान एवं प्रावैधिकी परिषद, विज्ञान, प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग, बिहार सरकार के लिए विकसित किया गया है।
अपने उदघाटन सम्बोधन में माननीय मंत्री श्री सिंह ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि यह बिजार निश्चित रूप से केवल ज्ञान की नगरी बल्कि पूरे गया एवं आस पास के जिलों के लोगों में विज्ञान के प्रचार प्रसार एवं खास करके विद्यार्थियों में विज्ञान के प्रति रुचि तथा वैज्ञानिक सोच की भी बढ़ाने में मदद करेगा। इस केंद्र के नवप्रवर्तन केंद्र से आस पास के स्कूलों के विद्यार्थी एवं युवा वैज्ञानिक भी लाभान्वित होगे। ऐसी उम्मीद है कि यह नवप्रवर्तन केंद्र यहाँ के लोगों में नवाचार की संस्कृति को बढ़ाने में मील का पत्थर साबित होगा।
अपने विचार व्यक्त करते हुए श्री लोकेश सिंह, सचिव, विज्ञान, प्रावैधिकी एवं तकनीकी शिक्षा विभाग, बिहार सरकार ने बताया कि उनके विभाग का एक मुख्य उद्देश्य है जनमानस में विज्ञान के प्रति जागरुकता। उत्पन्न करना। अन्तर्राष्ट्रीय ज्ञान भूमि बोधगया का यह विज्ञान केंद्र निश्चित ही विभाग एवं बिहार सरकार के उद्देश्यों की पूर्ति करने में सहायक होगा।
जिलाधिकारी गया. डा. त्यागराजन एस एम  ने भी समारोह में बोलते हुए कहा कि विज्ञान केंद्र एवं नवाचार केंद्र की स्थापना से न केवल जिले के स्कूल एवं कॉलेज के छात्र छात्राएं लाभान्वित होगे बल्कि बोधगया में आने वाले पर्यटक भी अब केंद्र में प्राचीन भारत के विज्ञान एवं प्रावैधिकी की बहुमूल्य जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।
राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद, संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के उप महानिदेशक श्री समरेन्द्र कुमार ने बताया कि "इस विज्ञान केंद्र को संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार की विज्ञान की संस्कृति की संवर्धन योजना (Scheme for Promotion of Culture of Science (SPOCS)) के तहत लगभग पाँच करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया गया है। परियोजना की लागत का 50% हिस्सा केंद्र सरकार का एवं 50% हिस्सा राज्य सरकार का है। इस विज्ञान केंद्र में मनोरंजक विज्ञान, भारत की विज्ञान और प्रौद्योगिकी विरासत एवं बाल दीर्घा तथा तारामंडल, विज्ञान पार्क और प्रेक्षागृह है। साथ ही SPOCS स्कीम के तहत एक नवप्रवर्तन केंद्र का भी निर्माण किया गया है जो पूर्ण रूप से भारत सरकार द्वारा वित्तपोषित हैं"। श्री कुमार ने आगे बताया कि अब तक राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद ने देश भर में फैले अपने 26 विज्ञान केंद्रों के अलावा 22 विज्ञान केंद्र विकसित कर राज्य सरकारों / केंद्र शासित प्रदेशों को हस्तगत किया है। इसके अलावा राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद द्वारा विकसित 42 नवप्रवर्तन केंद्र भी देश के अलग-अलग हिस्सों में संचालित हैं।
"मनोरंजक विज्ञान दीर्घा में विभिन्न वैज्ञानिक सिद्धांतों का चित्रण करते हुए विभिन्न विषयों जैसे फ्लुइडिक्स, साउंड, ऑप्टिक्स, रोलिंग बॉल्स, इल्यूजन आदि पर व्यावहारिक प्रदर्श शामिल हैं। वहीं भारत की विज्ञान और प्रौद्योगिकी विरासत" दीर्घा दर्शाती है कि कैसे, समय के साथ, कला और साहित्य के साथ-साथ, भारतीय धरती पर एक समृद्ध वैज्ञानिक और तकनीकी संस्कृति विकसित हुई। बाल दीर्घा बच्चों को खेल-खेल में सीखने के लिए प्रेरित करती है। केंद्र का तारामंडल खगोल विज्ञान के क्षेत्र में रुचि पैदा करेगा।
केंद्र में एक विज्ञान पार्क है जिसमें 21 पूरी तरह से इंटरेक्टिव प्रदर्श हैं, जो विभिन्न वैज्ञानिक सिद्धातों जैसे कंपन, गणित, धारणा, ध्वनि आदि के साथ कुछ प्रमुख भारतीय वैज्ञानिकों के जीवन और कार्यों को कवर करते हैं। यह बिना दीवारों के एक प्रदर्शनी है जो आगतुकों, विशेष रूप से बच्चों को पार्क में खेलते समय ना केवल वैज्ञानिक सिद्धांतों का पता लगाने का अवसर प्रदान करती है बल्कि खेल-खेल में विज्ञान को समझने का अवसर भी प्रदान करती है।

विज्ञान केंद्र का नवप्रवर्तन केंद्र विभिन्न उपकरणों से लैस एक बहु-आयामी प्रयोगशाला है। यह सुविधा युवाओं से रचनात्मकता को बनाया तेगी और नवाचारों (innovation) को प्रेरित करेगी। यह न केवल विज्ञान केंद्र के अधिक प्रभावी उपयोग को सुनिश्चित करेगा, बल्कि समस्या समाधान और परियोजना आधारित शिक्षा को बढ़ावा देने में इसके उपयोग और भूमिका को फिर से परिभाषित करेगा। यह सुविधा छात्रों को विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार की प्रक्रिया में व्यावहारिक शिक्षा और जुड़ाव प्रदान करेगी।
बोधगया स्थित इस क्षेत्र का यह पहला विज्ञान केंद्र, अनौपचारिक तरीके से विज्ञान शिक्षा को संपुष्ट करेगा एवं यहाँ लोग, विशेष रूप से छात्र, विज्ञान को आसानी से सीखेंगे, आनंद लेंगे, अनुभव करेंगे और जीवन में वैज्ञानिक सोच को अपनाने के लिए प्रेरित होंगे। इस विज्ञान केंद्र एवं नवप्रवर्तन केंद्र द्वारा समय-समय पर विभिन्न शैक्षणिक गतिविधियां भी आयोजित की जाएगी।
इस उद्घाटन कार्यक्रम के अवसर पर बिहार सरकार एवं शहर के अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।