डीजल अनुदान का लाभ दिलाने के लिये किसानों को करें जागरुक- जिला पदाधिकारी*

*1. डीजल अनुदान का लाभ दिलाने के लिये किसानों को करें जागरुक- जिला पदाधिकारी*

*ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकतम अवधि तक बिजली आपूर्ति करने का निर्देष।*

*अब डीजल अनुदान के आवेदनों का प्रखंड कृषि पदाधिकारी एवं अनुमंडल कृषि पदाधिकारी सत्यापन करेंगे।*

रिपोर्टः डीकेपंडित गयाबिहार।

गया। जिला पदाधिकारी, गया की अध्यक्षता में सम्पन्न कृषि टास्क फोर्स की बैठक में जिला कृषि  पदाधिकारी ने बताया कि माह जूलाई में 288.90 मि०मी० के विरुद्ध अभी तक 127.09 मि०मी वर्षा हुई है। खरीफ मौसम में माह जून एवं जूलाई (22.07.2023) तक कुल वर्षापात 345.74 मि०मी के विरुद्ध 165.59 मि०मी वर्षा हुई है, जो सामान्य से 52% कम है। माह जून एवं जूलाई में अच्छी बारिष नही होने के कारण जिले के मुख्य नदियों में पानी नही है। जिले के अधिकतर आहर, तालाब एवं पईन सूखे पड़े है। जिसका सीधा असर धान की रोपनी पर पड़ रहा है। इसी कारण गया जिले में 190186.60 हे० धान आच्छादन का लक्ष्य के विरुद्ध लगभग 6958.20 हे० (3.66%) में धान रोपनी हुई है। जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि क्षेत्र भ्रमण के क्रम में किसानों ने बताया कि धान का बिचड़ा अभी स्वस्थ है। अगले एक सप्ताह में भी यदि बारिष होती है तो धान की रोपनी तेजी से बढ़ेगा। गया जिले में मध्य अगस्त तक रोपनी कार्य होता है। जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि वर्षापात में हुई कमी को देखते हुये राज्य सरकार ने डीजल पम्पसेट से अपने खरीफ फसलों की सिंचाई करने वाले किसानों के लिए डीजल अनुदान की योजना स्वीकृत की गई है। एक लीटर पर 75 रुपये की दर से एक एकड़ खेत की डीजल पम्पसेट से सिंचाई करने पर कुल 750 रुपये का अनुदान किसानों को दिया जायेगा। धान के बिचड़ा बचाने के लिये 2 सिंचाई पर 1500 रुपये तथा खड़ी फसल धान, मक्का एवं अन्य खरीफ फसलों को अधिकतम तीन सिंचाई के लिये प्रति एकड़ 2250 रुपये तक का अनुदान दिये जाने का प्रावधान किया है। इसके लिये डी०बी०टी० पोर्टल के माध्यम से आज से ही किसानों से आॅनलाईन आवेदन प्राप्त किया जा रहा है। डीजल अनुदान के आवेदनों के सत्यापन में होने वाली कठिनाई के निराकरण के लिये कृषि विभाग द्वारा प्रखंड कृषि पदाधिकारी एवं अनुमंडल कृषि पदाधिकारी को सत्यापन जिम्मेवारी दी गई है। सभी विद्युत आपूर्ति सब स्टेषनों के अभियंताओं को ग्रामीण क्षेत्र में अधिकतम अवधि तक निर्बाध बिजली आपूर्ति करने का निर्देष दिया गया है। अल्पवृष्टि के कारण संभावित सुखाड़ की स्थिति से निपटने के लिये जिला प्रषासन एवं कृषि विभाग द्वारा लगातार समीक्षा कर संबंधित विभागों एवं पदाधिकारियों को आवष्यक तैयारी करने हेतु निदेषित किया जा रहा है।