ग्रामीणों के श्रमदान से बना चरकेडिया-बोंगिया सड़क का किया गया उद्घाटन

ग्रामीणों के श्रमदान से बना चरकेडिया-बोंगिया सड़क का किया गया उद्घाटन
रिपोर्टः डीकेपंडित 
गया। समाज में आमूलचूल परिवर्तन के लिए सतत संघर्ष और रचना का काम करना होगा अनिवार्य :गिरिजा सतीश
-सभा में मणिपुर की घटना को लोगों ने की कड़ी निंदा

गया।जिले के मोहनपुर प्रखंड स्थित गोपालकेड़ा पंचायत के हादे गांव से चरकेरिया - बोंगिया रोड तक करीब डेढ़ किलोमीटर सड़क का निर्माण स्थानीय ग्रामीणों के श्रमदान व चंदा से  किये जाने के बाद लोक समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष व गांधीवादी चिंतक गिरिजा सतीश ने फीता काट कर उद्घाटन किया। सड़क के उद्घाटन के बाद सभा का आयोजन किया गया । सभा की अध्यक्षता गोपालकेड़ा पंचायत के  पूर्व सरपंच  मल्लू मांझी व संचालन जानेमाने मजदूर नेता बालेश्वर मांझी ने किया । सभा को संबोधित करते हुए लोक समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष गिरिजा सतीश ने कहा कि समाज में आमूलचूल परिवर्तन के लिए सतत संघर्ष और रचना का काम करना अनिवार्य होगा। संघर्ष के साथ रचना का काम नहीं करने से एकांकी बनकर रह जाता है । संघर्ष के दौरान ठहराव का दौर आता है ।उस दौरान रचनात्मक कार्य यदि नहीं किया गया तो संघर्ष और संगठन में बिखराव और अलगाव की  प्रबल संभावना  होती है।उन्होंने कहा कि इस सड़क का निर्माण ग्रामीणों ने खुद के श्रम से किया है जो लोक समिति, छात्र - युवा संघर्ष वाहिनी और मजदूर - किसान समिति की रचना के प्रति दृष्टि और सोच को दर्शाता है। 
उन्होंने कहा कि यह इलाका शांतिमय संघर्ष का रहा है । एक से एक मिशाल कायम किया है। उन्होंने कहा कि चाहे बोधगया मठ के हजारों एकड़ जमीन बंटने की बात हो या महिलाओं के नाम से जमीन की मिल्कियत की बात हो या परिवर्तन के लिए शांतिमय वर्ग संघर्ष को बैचारिक स्तर पर स्थापित करने की बात हो । ये सब समाज में आमूलचूल परिवर्तन के लिए प्रतिबद्ध युवाओं , बुद्धजीवियों और इस इलाके के लोगों की वजह से संभव हुआ है। उन्होंने सर्व सेवा संघ , वाराणसी का जिक्र करते हुए कहा कि आज गांधी , विनोबा , जयप्रकाश के विचारों की विरासत को ढहाने की कोशिश सरकार कर रही है । उन्होंने मणिपुर में महिलाओं के साथ किए जा रहे बलात्कार और हिंसा को मणिपुर के मुख्यमंत्री एन वीरेन सिंह की विफलता का परिणाम बताया । उन्होंने घटनाओं की निंदा करते हुए तुरंत शांति बहाली की मांग की । लोक समिति के राष्ट्रीय संयोजक कौशल गणेश आजाद ने कहा कि शांतिमय संघर्ष के बदौलत बड़े - बड़े भूपतियों को धूल चटाया गया है। सामंतवाद को खत्म किया गया है। छुआछुत में टूटन आया है । जीवन में बेहतरी आई है । उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण से आवागमन के सुलभ होने के साथ - साथ विकास का भी रास्ते प्रशस्त हुआ हैं। लोक समिति के जिलाध्यक्ष पुतुल कुमारी ने कहा कि  महिलाओं के समाज में आमूलचूल परिवर्तन संभव नहीं है। मौके पर उपस्थित अन्य लोगों मेंउपेन्द्र सिंह, रामविलास शर्मा,  बिशुनधारी यादव , जे पी सेनानी के अध्यक्ष जगदेव सिंह , राजेन्द्र मांझी, मुसैला पंचायत के मुखिया कैलु मांझी , वयोवृद्ध सर्वोदयी परमेश्वर प्रसाद , बिन्दु सिंह , विशेश्वर पासवान आदि ने भी सभा को संबोधित किया ।सभा के अंत में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर सर्व सेवा संघ को उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा जबरन हड़पने की चल रही कोशिश की निंदा की गई और वहां शांतिमय सत्याग्रह कर रहे सत्याग्रहियों पर किए गए मुकदमे को बिना शर्त वापसी की  मांग गई। 
मणिपुर में महिलाओं को नग्न कर दौड़ाना व उनके साथ बलात्कार करना , उनकी हत्या करना , मणिपुर हिंसा की आग में जलना  मणिपुर सरकार की विफलता का परिणाम है. हम इन घटनाओं को कड़ी निन्दा करते हैं और मणिपुर में शांति बहाली की मांग की मांग की गई। सभा में सैकड़ों की संख्या में महिलाएं और पुरुष शामिल थे । मौके पर आगत अतिथियों के द्वारा पेड़ भी लगाए गये।