*माह अगस्त के प्रथम सप्ताह में हुई अच्छी बारिष से धान रोपनी में आयी तेजी।*
*कम आच्छादन वाले पंचायतों में उपलब्ध कराया जायेगा संकर मक्का बीज।*
*वैकल्पिक फसल के रुप में किसानों को निःषुल्क उपलब्ध कराया जायेगा बीज।*
रिपोर्टः डीकेपंडित गयाबिहार
गया। वर्ष 2023 में खरीफ की शुरुआत कम वर्षापात के साथ हुआ। माह जून में 140 मि०मी के विरुद्ध 38.50 मि०मी, जूलाई में 288.90 मि०मी के विरुद्ध 148.50 मि०मी वर्षा हुई, इसी कारण माह जूलाई के अन्त तक गया जिले में मात्र 10 प्रतिषत धान की रोपनी हुई। जबकि माह अगस्त की शुरुआत अच्छी बारिष से हुई इस माह के प्रथम सप्ताह में 56.16 मि०मी के विरुद्ध 97.37 मि०मी बारिष हुई। माह अगस्त के प्रथम सप्ताह में अच्छी बारिष के कारण धान की रोपनी में तेजी आयी है। गया जिला में अबतक धान फसल 190186.60 हे० के विरुद्ध 60840.96 हे० (लगभग 32%) आच्छादन हुआ है। धान के बिचड़े अभी स्वस्थ है। जिले में धान की रोपनी माह अगस्त के अन्तिम तक होने की संभावना है जिससे जिले में धान का अधिकतम आच्छादन हो जायेगा। कम फसल आच्छादन वाले में पंचायतों में फसल आच्छादन के भरपाई हेतु सरकार द्वारा आकस्मिक फसल योजना के रुप में वैकल्पिक फसल बीज वितरण का निर्णय लिया गया है। गया जिला को वैकल्पिक फसल के रुप में 9.60 क्वीं संकर मक्का का बीज उपलब्ध कराया जा रहा है। प्राथमिकता के आधार पर इस बीज का वितरण सबसे कम फसल आच्छादन वाले पंचायतों में वितरित करने का निर्देष दिया गया है। यह बीज किसानों को निःषुल्क उपलब्ध कराया जायेगा। संकर मक्का के निःषुल्क बीज हेतु किसानों को यह शपथ पत्र देना अनिवार्य होगा कि
*‘‘खरीफ 2023 में मेरा/मेरे परिवार का ................ एकड़ भूमि अनाच्छादित रह गया है। वैकल्पिक फसल के रूप में मुझे जो बीज उपलब्ध कराया जा रहा है, उसे मैं अपने खाली पड़े खेतों में लगाऊँगा तथा इसका दुरूपयोग नहीं करूँगा।’’*
निःषुल्क संकर मक्का बीज प्राप्त करने हेतु किसानों द्वारा BRBN के पोर्टल पर आॅनलाईन आवेदन करना अनिवार्य होगा। संबंधित पंचायत के कृषि समन्वयक एवं किसान सलाहकार को पंचायत का अनाच्छादित रकवा, संकर मक्का फसल बीज लगाते समय एवं फसल उगने के बाद, तीनों स्तर का Geo-Tagging के साथ फोटोग्राफी करना अनिवार्य होगा ताकि निःषुल्क बीज के दुरुपयोग से बचा जा सके।