पर्वत पुरुष दशरथ मांझी महोत्सव का उद्घाटन द्वीप प्रज्वलन कर मननीय मंत्री ग्रामीण विकास के कर कमलों से किया गया

 

पर्वत पुरुष दशरथ मांझी महोत्सव का उद्घाटन द्वीप प्रज्वलन कर मननीय मंत्री ग्रामीण विकास के कर कमलों द्वारा किया

 गया।

गया, 17 अगस्त 2023,

 पर्वत पुरुष दशरथ मांझी महोत्सव का उद्घाटन द्वीप प्रज्वलन कर मननीय मंत्री ग्रामीण विकास के कर कमलों से किया गया

 

। इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री सह इम्मामगंज विधायक श्री जीतन राम मांझी, नगर विधायक प्रेम कुमार, सांसद जहानाबाद, अतरी विधायक, अतरी के पूर्व विधायक, ज़िला परिषद के अध्यक्ष सहित अन्य आगत अतिथियों द्वारा किया गया।

      इसके उपरांत ज़िला पदाधिकारी द्वारा आगत अतिथियों को अंगवस्त्र एवं समृति चिन्ह दे कर स्वागत किया। मननीय मंत्री ग्रामीण विकास द्वारा पर्वत पुरुष दशरथ मांझी के बेटा को अंगवस्त्र एवं स्मृति चिन्ह दे कर उनका अभिनन्दन किया।

      स्वागत गान नवोदय विद्यालय के छात्राओ द्वारा किया गया।

      

            ज़िला पदाधिकारी गया ने स्वगत भाषण देते हुए कहा कि आज पर्वत पुरुष के नाम से प्रसिद्ध दशरथ मांझी के 16वीं पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित दशरथ मांझी महोत्सव, 2023 में उपस्थित बिहार सरकार के  माननीय मंत्री ग्रामीण विकास विभाग बिहार श्री श्रवण कुमार, मच पर उपस्थित पूर्व मुख्यमंत्री-सह-इमामगंज विधायक श्री जीतन राम मांझी, मंचासीन माननीय सांसद जहानाबाद, माननीय विधायक नगर / अतरी, पूर्व विधायक अतरी, माननीय विधान पार्षद एवं गणमान्य व्यक्ति देवियों, सज्जनों, बच्चों एवं मीडिया के प्रतिनिधिगण इस कार्यक्रम में अपना बहुमूल्य समय देकर शामिल होने के लिए हम आप सबों का हार्दिक अभिनंदन करते हैं।

           अपनी दृढ संकल्प कर्मठता एवं अगम्य साहस के बल पर दशरथ मांझी द्वारा किए गए इस अद्भूत कार्य के कारण न सिर्फ गया जिला बल्कि बिहार राज्य तथा भारत देश को गौरवान्वित किया है। इस कार्य के लिए पर्वत पुरुष दशरथ मांझी के सम्मान में आयोजित इस महोत्सव में में सर्वप्रथम गेहलौर की धरती का नमन करता हूँ जिसने ऐसे जीवट पुरुष को जन्म दिया।

         आपको बता दें कि दशरथ गांझी की पत्नी फाल्गुनी देवी इसी पहाड़ के कारण बुरी तरह घायल हो गई थी। चिकित्सीय ईलाज के लिए गेहलौर से 55 किलोमीटर दूर वजीरगंज में होने के कारण उनकी पत्नी ने दशरथ मांझी के सामने प्राण त्याग दिए। यह दृश्य दशरथ मांझी को पूरी तरह झझोर कर रख दिया। उनकी अंतरात्मा उन्हें कचोट रही थी कि यदि यह पहाडबीच में नहीं होता तो वे अपनी पत्नी का उचित ईलाज के लिए आसानी से वजीरंगज चले जाते और उनकी पत्नी आज उनके साथ होती। वर्ष 1960 में दशरथ मांझी जी ने इस दुर्गंग पहाड़ को केवल एक छेनी और हथौड़ा के सहारे 22 वर्षों के कठोर परिश्रम, लगन एवं जीवटता के बल पर पहाड़ का सीना चीरकर एक सुगम्य रास्ता बना दिया जिससे गेहलौर से वजीरंगज की दूरी 55 किलोमीटर से मात्र 15 किलोमीटर हो गया। आज इस मार्ग का लाभ आज हजारों लाखों लोगों को मिल रहा है। उन्होंने यह भी सिद्ध कर दिया कि मनुष्य यदि ठान लें तो काई भी कार्य असंभव नहीं है।

          आज की भावी पीढ़ी के लिए यह एक प्रेरणा स्त्रोत बन गया है। बॉलीवुड हॉलीवुड के बड़े-बड़े निर्माताओं ने उन पर कई फिल्में बनायी जो अत्यंत लोकप्रिय है। पहाड़ से ऊँचा आदमी THE MAN WHO MOVED THE MOUNTAIN", MANJHI THE MOUNTAIN MAN इत्यादि फिल्म बेहद लोकप्रिय रही।

        इनकी कर्मठता से प्रभावित होकर बिहार के माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने उन्हें अपनी कुर्सी पर बैठाया और उनके द्वारा किए गए अदभूत कार्य की कहानी को पूरी दुनिया के सामने लेकर आए राज्य सरकार द्वारा दशरथ गाझी के नाम पर स्मारक स्थल का निर्माण कराया गया, जहाँ उनकी जीवंत आकार की काले पत्थर की मूर्ति स्थापित है। मंदिर प्रांगण में छायादार वृक्ष सहित आगंतुकों के बैठने के लिए बेंच की सुविधा, जन सुविधा, प्याऊ, पार्किंग आदि का निर्माण किया गया है। रॉक कट के दोनों छोर पर भव्य द्वार का भी निर्माण करवाया गया है, जिसका नाम "दशरथ मांझी द्वार" है। सड़क की कुल लम्बाई 03 किलोमीटर है। उनकी याद में स्मृति भवन बनाया गया जहाँ उनके द्वारा उपयोग में लाए गए छेनी हथौड़ा एवं अन्य सामान है। साथ ही साथ अस्पताल, ओ०पी० पंचायत भवन, किसान भवन समाधी स्थल तथा गेहलौर का पर्यटकीय विकास किया गया है। कई बार उन्होंने पैदल ही दिल्ली तक की यात्रा की थी।

          *इस वर्ष 2023 में राज्य सरकार द्वारा दशरथ मांझी समाधी स्थल के पास सामुदायिक भवन का निर्माण जिसकी कुल लागत राशि 46 लाख 54 हजार रूपये है।  प्राथमिक विद्यालय, गेहलौर का निर्माण में 28 लाख 59 हजार रुपये की लागत से निर्माण करवाया जा रहा है।  समाधी स्थल एवं गेहलौर घाटी के सड़क किनारे 1000 पौधारोपण एवं बागवानी कार्य करवाया गया है, जिसमें कुल लागत राशि 39 लाख 64 हजाररूपये है। दशरथ मांझी स्थल पर बंद पडे लाईटों की मरम्मती कार्य तथा शौचालय में पानी की व्यवस्था किया गया है। आपको बता दें कि दशरथ मांझी स्मृति भवन में Display Board पर दशरथ मांझी के जीवनी संबंधित पोस्टर एवं भवन के बाहर प्रकाशयुक्त बोर्ड का कार्य करवाया गया है।* 

   *इसके अलावा दशरथ नगर में मिनी जलापूर्ति को मरम्मती कराकर नल-जल योजना को शुरू किया गया है, जिसमें 42 लाख 86 हजार रूपये की लागत से करवाया गया। दशरथ मांझी समाधी स्थल के पास स्टैण्ड पोस्ट एवं 10 चापाकल का अधिष्ठापन करवाया गया है, जिस कार्य में कुल 17 लाख रूपये की लागत से हुए हैं।* इस वर्ष पहली बार पहाड़ो पर लाइट एंड साउंड शो का भी आयोजन किया गया है, जो पर्वत पुरुष के व्यक्तित्व को दिखाया जाएगा। 

             सरकार आम लोगों की सुविधा एवं बिहार के विकास के लिए कृत संकल्प है। हर घर में नल का जल, शौचालय, बिजली, गैस कनेक्शन की व्यवस्था कर रही है। सभी वृद्धजनों को पेंशन प्रदान कर रही हैं, युवाओं को शिक्षा, रोजगार एवं कौशल विकास के लिए राज्यव्यापी कार्यक्रम चलाया जा रहा है। शराबबंदी से समाज में खुशनुमा माहौल बना है। बच्चों की पढ़ाई, चिकित्सा, विकास की मुकम्मल व्यवस्था की गयी। महिलाओं को सभी क्षेत्र के रोजगार में आरक्षण प्रदान कर उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ा गया है।