गया जिले में 145880 हे० में (लगभग 75 प्रतिषत) हुई है धान की रोपनी।*

*गया जिले में 145880 हे० में (लगभग 75 प्रतिषत) हुई है धान की रोपनी।*
*मक्का बीज को खालीे पड़ें खेतों में लगवाने का दिया गया निर्देष।*
*मक्का फसल आच्छादन के पर्यवेक्षण हेतु प्रखंड स्तर पर प्रखंड कृषि पदाधिकारी एवं अनुमंडल स्तर पर अनुमंडल कृषि पदाधिकारी को जिम्मेवारी सौंपी गई है।*
*लो वोल्टेज की समस्या को अविलम्ब सुधार करायें अधीक्षण अभियंता, विद्युत।*
        दिनांक 19.08.2023 
रिपोर्टः डीकेपंडित गयाबिहार
 जिला पदाधिकारी, गया की अध्यक्षता में जिला कृषि टास्क फोर्स की बैठक सम्पन्न हुई। गया जिला में खरीफ 2023 मौसम में माह जून, जूलाई एवं अगस्त (19.08.2023) तक सामान्य वर्षापात 582.03 मि०मी० है जिसके विरुद्ध अभीतक 350.83 मि०मी० वर्षा हुई, जो सामान्य से 39.70% कम है। माह अगस्त अभी तक वर्षा सामान्य रही है। माह अगस्त में दिनांक 19.08.2023 तक कुल वर्षापात 152.43 मि०मी० के विरुद्ध 163.83 मि०मी० वर्षा हुई है। गया जिले में धान आच्छादन के लक्ष्य 190186 हे० के विरुद्ध 145880 हे० रोपनी हो चुकी है। धाान फसल का आच्छादन सबसे कम डुमरिया प्रखंड (42.23%) एवं सबसे अधिक खिजरसराय प्रखंड में (92.26%) है। फतेहपुर प्रखंड के नगवाँ पंचायत में धान का सबसे कम आच्छादन (23.42%) है। सबसे अधिक धान फसल आच्छादन कोंच प्रखंड के मंझियावाँ पंचायत में (111.27%) है। जिला कृषि पदाधिकारी ने बताया कि किसानों के पास अभी भी धान का बिचड़ा सुरक्षित है जिससे अगस्त माह के अन्तिम सप्ताह तक रोपनी होने की संभावना है। जिला पदाधिकारी द्वारा सभी प्रखंड कृषि पदाधिकारी, सभी कृषि समन्वयक, बी०टी०एम०, ए०टी०एम० एवं किसान सलाहकार अपने पंचायत में भ्रमण करेंगे तथा धान एवं अन्य खरीफ फसल आच्छादन का वास्तविक रकवा बिहान एप्प पर अपलोड करने का निर्देष दिया गया। फसल आच्छादन के आँकड़ों में गड़बड़ी को बरदास्त नही किया जायेगा। कार्य में लापरवाही बरतने पर एवं कार्य क्षेत्र से अनुपस्थित रहने पर संबंधित कर्मी के विरुद्ध नियमानुसार कड़ी अनुषासनिक कार्रवाई की जायेगी। अनुमंडल कृषि पदाधिकारी अपने क्षेत्र में वैकल्पिक फसल के रुप में वितरित किये जा रहे मक्का बीज के आच्छादन पर सतत् निगरानी रखेंगे। कार्यपालक अभियंता ने बताया कि मोराटाल बतरसपुर में अंतिम छोर तक पानी जा रहा है। तिलैया ढ़ाढ़र नहर प्रमंडल अन्तर्गत फतेहपुर में पिछले 48 घंटे से 45 आर०डी० तक पानी उपलब्ध है। लीलाजन सिंचाई योजना के तहत सिर्फ मुख्य नहर में पानी है। पूर्वी सोन उच्च स्तरीय नहर प्रमंडल, टेकारी एवं कुर्था प्रमंडल के नहर में पानी नहीं है। औरंगाबाद में कुर्था नहर प्रणाली द्वारा शनिवार शुक्रवार और रविवार को पानी उपलब्ध कराया जाता है। बैठक में उपस्थित प्रखंड कृषि पदाधिकारियों ने बताया कि बांके बाजार के बैताल पंचायत, नीमचक बथानी के नैली पंचायत, परैया के मंझियावा गांव एवं कपसिया पंचायत, गुरारू के देवकली पंचायात के एग्रीकल्चर फिडर में लो वोल्टेज की समस्या है। जिला पदाधिकारी द्वारा अधीक्षण अभियंता को लो वोल्टेज की समस्या को सुधार कराने का निर्देष दिया गया।