*"एक देश - एक चुनाव" देश में चुनाव सुधारो के लिए आवश्यक:- अभाविप*
रिपोर्टः डीकेपंडित गयाबिहार
गया।अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद "एक देश - एक चुनाव" की संभावनाओं पर विचार निमित्त समिति गठन जैसे महत्वपूर्ण कदम द्वारा इस दिशा में आगे बढ़ने से अत्यंत आशान्वित है। वर्तमान मे देश चुनाव सुधारो कि दिशा में विभिन्न कदम उठाए जाने कि आवश्यकता हैं। जिससे लोकतंत्र के इस महत्वपूर्ण पक्ष में परिस्थितिजन्य दोषो को दूर किया जा सके। जिला संयोजक राजीव रंजन कुमार ने कहा कि अभाविप समय-समय पर देश की चुनाव व्यवस्था के विभिन्न पक्षों जैसे मताधिकार के प्रयोग,धनबल-बाहुबल को नकारने, सभी वर्गो की चुनावी प्रतिनिधि में उचित सहभागिता,चुनाव में भष्टाचार को खत्म करने जैसे विषयों पर उचित विमर्श के उपरांत देश के शैक्षणिक परिसरों में युवाओ के मध्य चुनाव सुधारों के लिए संवाद हेतु संगोष्ठीया व अन्य रचनात्मक प्रयोग कि है।अभाविप की नागपुर में 2013 में सम्पन्न राष्ट्रीय कार्यकारणी परिषद में चुनाव सुधार के लिए नीतिगत निर्णय लेने का आवाह्न किया गया था।
अभाविप के प्रदेश सह-मंत्री सूरज सिंह ने कहां कि देश को स्वाधीनता मिलने के उपरांत शुरूआत से एक देश - एक चुनाव की स्थिति थी, कई विधानसभा और लोकसभा चुनाव साथ हुई लेकिन विभिन्न कारणों से क्रम टुट गया और धीरे धीरे यह स्थिति बन गई कि देश पुरे समय चुनावी मोड मे रहने लगा। चुनावी मोड में रहने की स्थिति के कारण कई तरह के निर्णय भी प्रभावित होते है, जोकि देश के लिए अहितकारी है। "एक देश-एक चुनाव" वर्तमान समय में चुनाव सुधारों कि दिशा में अति महत्वपूर्ण आवश्यकता है। इस विषय में हितधारकों से उचित राय लेकर चुनाव सुधारों कि दिशा में आगे बढ़ना हितकारी है। देश कि चुनाव व्यवस्था में साकारात्मक परिवर्तन आना चाहिए, चुनाव सुधारों से भ्रष्टाचार को रोकने में सहायता मिलेगी व विकास का मार्ग प्रशस्त होगा।