*सर्वपल्ली राधाकृष्णन के कुलपति, उपराष्ट्रपति से राष्ट्रपति तक का सफर शिक्षा जगत के लिए हमेशा प्रासंगिकःकांग्रेस* गया। महान स्वतंत्रता सेनानी, प्रख्यात शिक्षाविद् , भारतीय संस्कृति के स

*सर्वपल्ली राधाकृष्णन के कुलपति, उपराष्ट्रपति से राष्ट्रपति तक का सफर शिक्षा जगत के लिए हमेशा प्रासंगिकःकांग्रेस* 
रिपोर्टः डां डीकेपंडित गयाबिहार
      गया। महान स्वतंत्रता सेनानी, प्रख्यात शिक्षाविद् , भारतीय संस्कृति के संवाहक, पूर्व राष्ट्रपति , भारतरत्न सर्वपल्ली राधाकृष्णन की 135 वीं जयंती की पूर्व संध्या पर गया के स्थानीय चौक स्थित इंदिरा गांधी प्रतिमा स्थल प्रांगण में " सर्वपल्ली राधाकृष्णन के कुलपति, उपराष्ट्रपति,राष्ट्रपति का सफर शिक्षा जगत के लिय हमेशा प्रासंगिक " विषय पर गोष्ठी का आयोजन किया गया।
       सर्व प्रथम सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्र पर माल्यार्पण के पश्चात् इनके व्यक्तित्व , कृतित्व एवम् गोष्ठी के विषय पर विस्तृत प्रकाश डाला गया।
       कार्यक्रम की अध्यक्षता गया जिला कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष गगन मिश्रा ने किया तथा संचालन  कांग्रेस सेवादल के जिला संगठक टिंकू गिरी ने किया।
             गोष्ठी को संबोधित करते हुए बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह क्षेत्रीय प्रवक्ता प्रो विजय कुमार मिठू ने कहा की सर्वपल्ली राधाकृष्णन आंध्र विश्वविद्यालय, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय,तथा दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति, उपराष्ट्रपति तथा राष्ट्रपति के रूप में देश को नई दिशा देने के साथ, साथ शिक्षा जगत में अपनी अमिट छाप छोड़ी है, जिसे आज संपूर्ण देश उनकी जयंती को शिक्षक दिवस के रूप में मनाता है।
          वक्ताओ ने कहा की वर्षो पहले देश के सभी शिक्षण संस्थानों में शिक्षक दिवस के अवसर पर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्र युक्त टिकट सरकारी स्तर पर वितरित होता था, जिसे छात्र अपने सीने पर लगाते थे, इनकी जीवनी पर शिक्षण संस्थानों में चर्चा होती थी, जो विगत कई वर्षों से बंद है, जिस परंपरा को फिर से शुरू करने की आवश्यकता है ।
        वक्ताओं ने कहा की वाकई सर्वपल्ली राधाकृष्णन शिक्षा, शिक्षक के पर्यायवाची है जिन्होंने अपनी जयंती को शिक्षक दिवस के रूप में मानने की परंपरा शुरू करने हेतु देश के शिक्षको को प्रेरित किया था,जिसे प्रति वर्ष 05  सितंबर को मनाई जाती है।
           गोष्ठी को पूर्व विधायक मो खान अली, प्रो अनिल कुमार सिन्हा, डा मदन कुमार सिन्हा, बाबूलाल प्रसाद सिंह, अभिषेक श्रीवास्तव राम प्रमोद सिंह, विपिन बिहारी सिन्हा, कुंदन कुमार, विशाल कुमार, शिव कुमार चौरसिया, सुरेंद्र मांझी, विनोद उपाध्याय,मो समद, मो अजहरुद्दीन, गिरेंद्र कुमार, पंकज पासवान, श्रवण पासवान, सोमनाथ भारती, आदि ने संबोधित किया।