बोधगया में बी० टी० एम० सी० कार्यालय भवन को नया भवन बनाकर दस करोड़ की लागत से अपने अनूठे स्थापत्य कीः मुख्यमंत्री

बोधगया में बी० टी० एम० सी० कार्यालय भवन  को नया भवन बनाकर  दस करोड़ की लागत से अपने अनूठे स्थापत्य कीः मुख्यमंत्री
रिपोर्टः डीकेपंडितबोधगया 
अन्तर्राष्ट्रीय ज्ञान भूमि बोधगया  में शाक्यमुनि बुद्ध की संम्बोधि भूमि महाबोधि महाविहार मंदिर के सुचारू प्रबंधन एवं देखरेख के लिए 1949 में बिहार सरकार ने बोधगया टेम्पल एक्ट-17 के तहत बोधगया मंदिर प्रबन्धकारिणी समिति का गठन किया था। 1953 से बी० टी० एम० सी० महाबोधि मंदिर के सुचारू प्रबंधन का कार्यभार संभालती रही है।

महाबोधि मंदिर के समक्ष उत्तर-पश्चिमी दिशा में पुराने बी० टी० एम० सी० कार्यालय भवन के स्थल पर नया भवन दस करोड़ की लागत से अपने अनूठे स्थापत्य की विशेषताओं के साथ बनाया गया है। इस भवन का शिलान्यास 16 अप्रैल 2022 को माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी के कर कमलो से रखा गया था।

भवन की बाहरी तिरछी दीवारें महाबोधि मंदिर के शिखर शैली के स्थापत्य से प्रेरित है। भवन के स्थापत्य की संरचना इस उदेश्य से की गई है कि महाबोधि मंदिर स्पष्ट रूप से दिखाई दे। भवन के त्रिकोणात्मक प्रवेश द्वार में घुसते ही महाबोधि मंदिर का ऊपरी शिखर भाग सामने बनी 30 फीट ऊँची शीशे की दीवार से नजर आता है।

भवन में प्रवेश करने के साथ एक 2000 sqft. खुला प्रार्थना प्रांगण है जिसमें लगभग 100 व्यक्ति बैठ सकते हैं। सामने ही ऊँचे प्लेटफार्म पर बहते पानी के बीच पंचशील के पाँच स्वर्णिम कमल के नीचे बुद्ध की प्रतिमा स्थापित है। प्रार्थना प्रांगण से ऊपर बने शीशे की छत से खुला नीला आकाश साफ दिखाई देता है और सामने महाबोधि मंदिर।

भवन की रचना तीन तल्लों में की गई है :- 1. भूमिगत तल (बेसमेंट) 2. निचली मंजिल ( Ground Floor ) 3. प्रथम तल्ल (First Floor )

1. बेसमेंट में पुस्तकालय सभागार प्रशासकीय शाखा, रिकार्ड रूम, उपहार सामग्री कक्ष है। 2. निचली मंजिल में स्वागत कक्ष (Reception) अतिथियों के बैठने के लिए लाऊंज, बी० टी० एम० सी० के अध्यक्ष एवं सचिव के अलग-अलग कक्ष, महाबोधि मंदिर के प्रमुख भिक्षु का कार्यालय कक्ष, प्रशासकीय कक्ष एवं भोजनालय है।

प्रथम तल्ल (First Floor) पर विशिष्ट अतिथि कक्ष, अतिविशिष्ट अतिथि कक्ष तथा ध्यान कक्ष है, जिसकी खिड़की से महाबोधि मंदिर के दर्शन होते हैं। महाबोधि मंदिर की ओर अभिमुख "राजगृह" नाम अतिविशिष्ट कक्ष माननीय मुख्यमंत्री के लिए विशेष रूप से सदैव आरक्षित है।

प्रथम तल्ल में दो विशिष्ट अतिथि कक्ष और हैं।

समस्त भवन में कुल 25 कमरे हैं। हर कक्ष का नाम बौद्ध स्थलों एवं सिद्धांतों पर रखा गया है जैसे- संथागार, मेत्ता, करूणा, पारमिता, पञ्ञ, राजगृह इत्यादि ।

यह भवन पूरी तरह से वातानुकूलित है (Centerlized Airconditioned Building) । भवन के चारों ओर परिक्रमा पथ है चहारदिवारी के अंदर 10 गाड़ियों और 50 मोटरसाईकिल को लगाने का पार्किंग क्षेत्र भी है।बोधगया में बी० टी० एम० सी० कार्यालय भवन  को नया भवन बनाकर  दस करोड़ की लागत से अपने अनूठे स्थापत्य कीः मुख्यमंत्री
रिपोर्टः डीकेपंडितबोधगया 
अन्तर्राष्ट्रीय ज्ञान भूमि बोधगया  में शाक्यमुनि बुद्ध की संम्बोधि भूमि महाबोधि महाविहार मंदिर के सुचारू प्रबंधन एवं देखरेख के लिए 1949 में बिहार सरकार ने बोधगया टेम्पल एक्ट-17 के तहत बोधगया मंदिर प्रबन्धकारिणी समिति का गठन किया था। 1953 से बी० टी० एम० सी० महाबोधि मंदिर के सुचारू प्रबंधन का कार्यभार संभालती रही है।

महाबोधि मंदिर के समक्ष उत्तर-पश्चिमी दिशा में पुराने बी० टी० एम० सी० कार्यालय भवन के स्थल पर नया भवन दस करोड़ की लागत से अपने अनूठे स्थापत्य की विशेषताओं के साथ बनाया गया है। इस भवन का शिलान्यास 16 अप्रैल 2022 को माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी के कर कमलो से रखा गया था।

भवन की बाहरी तिरछी दीवारें महाबोधि मंदिर के शिखर शैली के स्थापत्य से प्रेरित है। भवन के स्थापत्य की संरचना इस उदेश्य से की गई है कि महाबोधि मंदिर स्पष्ट रूप से दिखाई दे। भवन के त्रिकोणात्मक प्रवेश द्वार में घुसते ही महाबोधि मंदिर का ऊपरी शिखर भाग सामने बनी 30 फीट ऊँची शीशे की दीवार से नजर आता है।

भवन में प्रवेश करने के साथ एक 2000 sqft. खुला प्रार्थना प्रांगण है जिसमें लगभग 100 व्यक्ति बैठ सकते हैं। सामने ही ऊँचे प्लेटफार्म पर बहते पानी के बीच पंचशील के पाँच स्वर्णिम कमल के नीचे बुद्ध की प्रतिमा स्थापित है। प्रार्थना प्रांगण से ऊपर बने शीशे की छत से खुला नीला आकाश साफ दिखाई देता है और सामने महाबोधि मंदिर।

भवन की रचना तीन तल्लों में की गई है :- 1. भूमिगत तल (बेसमेंट) 2. निचली मंजिल ( Ground Floor ) 3. प्रथम तल्ल (First Floor )

1. बेसमेंट में पुस्तकालय सभागार प्रशासकीय शाखा, रिकार्ड रूम, उपहार सामग्री कक्ष है। 2. निचली मंजिल में स्वागत कक्ष (Reception) अतिथियों के बैठने के लिए लाऊंज, बी० टी० एम० सी० के अध्यक्ष एवं सचिव के अलग-अलग कक्ष, महाबोधि मंदिर के प्रमुख भिक्षु का कार्यालय कक्ष, प्रशासकीय कक्ष एवं भोजनालय है।

प्रथम तल्ल (First Floor) पर विशिष्ट अतिथि कक्ष, अतिविशिष्ट अतिथि कक्ष तथा ध्यान कक्ष है, जिसकी खिड़की से महाबोधि मंदिर के दर्शन होते हैं। महाबोधि मंदिर की ओर अभिमुख "राजगृह" नाम अतिविशिष्ट कक्ष माननीय मुख्यमंत्री के लिए विशेष रूप से सदैव आरक्षित है।

प्रथम तल्ल में दो विशिष्ट अतिथि कक्ष और हैं।

समस्त भवन में कुल 25 कमरे हैं। हर कक्ष का नाम बौद्ध स्थलों एवं सिद्धांतों पर रखा गया है जैसे- संथागार, मेत्ता, करूणा, पारमिता, पञ्ञ, राजगृह इत्यादि ।

यह भवन पूरी तरह से वातानुकूलित है (Centerlized Airconditioned Building) । भवन के चारों ओर परिक्रमा पथ है चहारदिवारी के अंदर 10 गाड़ियों और 50 मोटरसाईकिल को लगाने का पार्किंग क्षेत्र भी है।