राजनीतिक दलों ने की लव-कुश समाज की उपेक्षा :सतीश

राजनीतिक दलों ने  की लव-कुश समाज की उपेक्षा :सतीश 

 लव कुश एकता मंच की बैठक
का आयोजन 

  रिपोर्ट :विनोद विरोधी

 गया । जिले के कुजापी की स्थिति ओम भवन में लव कुश एकता मंच की जिला समिति की बैठक राजीव प्रकाश उर्फ बंटी कुशवाहा की अध्यक्षता में आयोजित की गई ।बैठक को संबोधित करते हुए लव कुश एकता मंच के संयोजक सह कुर्मी चेतना महारैली के महानायक एवं पूर्व विधायक सतीश कुमार ने कहा कि लव-कुश एकता एवं सक्रियता के बुनियाद पर बनी। पिछले 15 वर्षों से चली आ रही सरकार और सरकार का नेतृत्व कर्ता अपने पुरखों के विचारों से  भटक गई है ।उन्होंने कहा कि महामना बुद्ध के मानवतावाद एवं समानतावाद के सिद्धांत और विशेष अवसर के लिए भारतीय आरक्षण के जनक छत्रपति शाहू जी महाराज के विचारों को खून करने पर तत्पर, भारतीय केंद्रीय सरकार की सहभागिता ,अपने पुरखों के विचारों से हटने और भटकने को मजबूत प्रमाण है ,जो गांधी मैदान के कुर्मी चेतना महारैली एवं बाद में लव कुश एकता की बुनियाद पर सक्रियता के साथ क्रूर मजाक बनती दिख रही है ।उन्होंने कहा कि हमारे लोग सत्ता के शीर्ष पर रहते हुए लव-कुश समाज को सत्ता में भागीदारी में भारी गिरावट आई है। उन्होंने इस पर अफसोस और रोष जताते हुए कहा कि राजनीतिक दलों ने इस समाज की घोर उपेक्षा किया है ।हाल ही में विधानसभा चुनाव में किसी दल ने एक सीट दिया तो किसी ने 2 सीट। और कई दलों ने एक भी सीट नहीं दिया ।यही कारण है कि सत्ता पर काबिज लव-कुश समाज का हालिया विधानसभा चुनाव में सिर्फ संख्या बल ही नहीं घटा है ,बल्कि राजनीतिक हैसियत भी काफी छोटा हो गया है ।यह हमारे पुरखों के विचारों की अपेक्षा भी है ।उन्होंने कहा कि 27 दिसंबर को पटना में बुलाई गई बैठक में लिए गए फैसलों के आलोक में लव कुश एकता मंच शोषित, वंचित समाज के अधिकारों की रक्षा के हितार्थ समाज की एकता को और मजबूती चट्टानी एकता बनाकर एक ताकत पर महारैली का आयोजन इस साल के अंत में किया जाएगा ।उन्होंने यह भी कहा कि आगामी 28 फरवरी को पटना में एक विशाल बैठक आयोजित करने का फैसला लिया गया है ।जिसमें बड़ी संख्या में भागीदारी की अपील की। इस बैठक में लव कुश समाज के संयुक्त लोग शामिल होंगे ।बैठक में पूर्व विधायक प्रदीप महतो ने भी अपने विचार व्यक्त किया ।इस अवसर पर अन्य लोगों में धर्मेंद्र कुमार वर्मा ,नरेंद्र कुशवाहा, रंजीत कुशवाहा ,वीरेंद्र दांगी, रामसेवक प्रसाद, डॉ राजकुमार बौद्ध ,नीतीश कुमार ,ओम कुमार वर्मा, श्याम नारायण दांगी ,राजेश दांगी ,शिव शंकर दांगी, राधे श्याम सिंह दांगी, राजकुमार रंजन समेत अन्य लोगों ने भी अपने विचार व्यक्त किए।