ज़िला पदाधिकारी ने डेंगू की रोकथाम को लेकर समीक्षा की।*

■ *ज़िला पदाधिकारी ने डेंगू की रोकथाम को लेकर समीक्षा की।*

 ■      *डीएम ने स्वास्थ्य के तमाम पदाधिकारी पूरी तरह से अलर्ट रहे और अस्पतालों में सभी जरूरी चीजों का इंतजाम रखें।*

■     *ब्लड बैंक में प्लेटलेट्स की उपलब्धता सुनिश्चित करायें।*

■       *सभी जगह डेंगू रोधी दवा का छिड़काव नियमित रूप से करायें*
■     *सभी जगह साफ-सफाई की पूरी व्यवस्था रखें।*

■     *लोगों को जागरूक करने के लिये व्यापक प्रचार- प्रसार करायें । नगर निगम/ नगर परिषद अपने क्षेत्र में माइकिंग एवं अन्य प्रचार माध्यमों का उपयोग कर लोगों को डेंगू से बचाव के लिये सचेत करें।*

■   *अस्पतालों में बेडों की संख्या पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहे और मरीजों को इलाज में किसी प्रकार की असुविधा नहीं हो*

■   *पितृपक्ष मेला को देखते हुए मेला क्षेत्र एवं सभी आवासन में डेडिकेटेड टीम रखकर फोगिंग करवाये।*
रिपोर्टः डीकेपंडित
  गया।  ज़िला पदाधिकारी गया डॉ० त्यागराजन एसएम ने समाहरणालय सभागार में डेंगू की रोकथाम के लिये किये जा रहे उपायों को लेकर समीक्षा बैठक की। बैठक में डीएम ने डेंगू के बढ़ते मामले और उसकी रोकथाम के लिये किये जा रहे कार्यों की पूरी निगरानी रखे और अलर्ट मोड में काम करे। उन्होंने कहा कि एंटी लार्वा छिड़काव नियमित रूप से हर जगह करवाये।
       डीएम ने निर्देश देते हुये कहा कि अस्पतालों में बेडों की संख्या पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहे और मरीजों को इलाज में किसी प्रकार की असुविधा नहीं हो। ब्लड बैंक में प्लेटलेट्स की उपलब्धता सुनिश्चित करायें ताकि मरीजों को किसी प्रकार की परेशानी न हो। सभी प्रखंडों/ नगर निकायों एवं शहरी क्षेत्रों में डेंगू रोधी दवा का छिड़काव नियमित रूप से करायें। डेंगू रोधी दवा के छिड़काव में किसी प्रकार की लापरवाही नहीं हो, इसे सुनिश्चित करवाये। सभी जगह साफ-सफाई की पूरी व्यवस्था रखें। लोगों को जागरूक करने के लिये व्यापक प्रचार- प्रसार करायें। माइकिंग एवं अन्य प्रचार माध्यमों का उपयोग कर लोगों को डेंगू से बचाव के लिये सचेत करें। उन्होंने नगर आयुक्त को निर्देश दिया कि नगर निगम के तमाम टैक्स कलेक्टर, जमादार, वार्ड पार्षद, अभियंताओं का रोस्टर बनाकर उन्हें दायित्व दे कि उनके क्षेत्र में प्रॉपर फोगिंग हो।
        डीएम ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट रहे और अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल अस्पताल सहित सभी प्रखंडों के अस्पतालों में सभी जरुरी चीजों का इंतजाम रखें। अस्पतालों में बेड, चिकित्सक और दवा की कोई कमी नहीं हो। प्रखंडों में भी विशेषकर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी इस पर नजर बनाये रखें ताकि कोई मामला सामने आने के बाद तुरंत इलाज की व्यवस्था की जा सके। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी अगले तीन दिनों के अंदर जियो टैगिंग फोटो उपलब्ध करावे, जिससे स्पष्ट रहे कि उनके क्षेत्र में लगातार अच्छी गुणवत्ता के साथ फागिंग की जा रही है।
     डीएम ने कहा कि जिले में पितृपक्ष मेला इसी माह में आयोजित है लाखों लाख तीर्थ यात्री दूसरे राज्यों एवं देश से आते हैं। इसलिए फूल अलर्ट में रहकर पूरी तत्परता से डेंगू पर नियंत्रण रखना है। विष्णुपद मेला क्षेत्र के लिए डेडीकेटेड टीम रखकर फागिंग की व्यवस्था की जा रही है। जिला पदाधिकारी ने नगर आयुक्त को निर्देश दिया कि मेला क्षेत्र के विभिन्न गलियों, विभिन्न वेदी स्थल, तालाब, नदी के समीप फागिंग पर विशेष टीम लगाकर दवा का छिड़काव करावे। इसके साथ ही पितृपक्ष मेला अवधि में सभी आवासन स्थल पर फॉगिंग की पूरी व्यवस्था रखें।
     उन्होंने कार्यपालक पदाधिकारी नगर परिषद बोधगया को निर्देश दिया मंदिर के बाहरी परिसर के समीप के साथ-साथ गलियों में भी अच्छी तरीके से फॉगिंग करवाये।
     बैठक में नगर आयुक्त गया नगर निगम, सिविल सर्जन गया, अधीक्षक मगध मेडिकल, सभी नगर निकायों के कार्यपालक पदाधिकारी, डीपीएम स्वास्थ्य सहित अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
  
*डेंगू एवं चिकनगुनिया के संबंध में आवश्यक सूचना* :-

*डेंगू एवं चिकनगुनिया की बीमारी संक्रमित एडिस मच्छर के काटने से होती है। यह मच्छर दिन में काटता है एवं स्थिर साफ पानी में पनपता है।*

-:  *इन बीमारियों के लक्षण*  :

तेज बुखार, बदन, सर एवं जोड़ों में दर्द तथा आँखों के पीछे दर्द
 • त्वचा पर लाल धब्बे / चकत्ते का निशान
• नाक, मसूढ़ों से या उल्टी के साथ रक्त स्राव होना
•  काला पैखाना होना

      उपरोक्त लक्षणों के साथ तेज बुखार से पीड़ित मरीज को अविलम्ब सदर अस्पताल अथवा मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाएँ।
      
       यदि किसी व्यक्ति को पूर्व में डेंगू हो चुका है तो उन्हें अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है, वैसे व्यक्ति दोबारा डेंगू बुखार की शंका होने पर तुरन्त ही सरकारी अस्पताल / चिकित्सक से सम्पर्क करें।

-:  *डेंगू और चिकनगुनिया से बचाव हेतु निम्न उपाय करें*  : 
-• दिन में भी सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें। 
• मच्छर भगाने वाली दवा / क्रीम का प्रयोग दिन में भी करें।
• पूरे शरीर को बैंकने वाले कपड़े पहने, घर एवं सभी कमरों को साफ-सुथरा एवं हवादार बनाए रखें।
• टूटे-फूटे बर्तनों, कूलर, ए.सी./ फ्रिज के पानी निकासी ट्रे, पानी टंकी एवं घर के अंदर एवं अगल-बगल में अन्य जगहों पर पानी न जमने दें।
• अपने आस-पास के जगहों को साफ-सुथरा रखें तथा जमा पानी एवं गदंगी पर कीटनाशी दवाओं का छिड़काव करें।
• गमला, फूलदान इत्यादि का पानी हर दूसरे दिन बदलें।
• मॉल दुकानदारों / प्रबंधकों से भी अनुरोध है कि खाली पड़े जगहों में रखे डब्बों / कार्टनों आदि में पानी जमा न होने दें।
• जमे हुए पानी पर मिट्टी का तेल डालें। • याद रखें हर बुखार डेंगू नहीं है।
• बीमारी के लक्षण होने पर बिना समय नष्ट किये  अन्य चिकित्सक से सम्पर्क करें।
• डेंगु एवं चिकनगुनिया बुखार की स्थिति में सभी रोगियों को अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता नहीं होती है।
• समय पर उपचार कराने से मरीज पूर्णतः स्वस्थ्य हो जाता है।

     *तेज बुखार के उपचार हेतु एस्प्रीन अथवा ब्रुफेन की गोलियाँ कदापि इस्तेमाल नहीं करें। इसके लिए पारासिटामोल सुरक्षित दवा है।*
*एम्बुलेंस हेतु टॉल फ्री नं० 102 डायल करें।*