स्नातकोत्तर अर्थशास्त्र विभाग, स्नातकोत्तर वाणिज्य विभाग, एवं एमबीए (आईबी) विभाग द्वारा एक निवेशक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित

स्नातकोत्तर अर्थशास्त्र विभाग, स्नातकोत्तर वाणिज्य विभाग, एवं एमबीए (आईबी) विभाग द्वारा एक निवेशक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित
रिपोर्टः डीकेपंडित
गया। आईक़्यूएसी, मगध विश्वविद्यालय बोधगया के तत्वावधान से शनिवार को श्री राधा कृष्णन सभागार, दूरस्त शिक्षा निदेशालय, मगध विश्वविद्यालय में स्नातकोत्तर अर्थशास्त्र विभाग, स्नातकोत्तर वाणिज्य विभाग, एवं एमबीए (आईबी) विभाग द्वारा एक निवेशक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। आयोजन में आनंद राठी के रीजनल डायरेक्टर श्री सुस्मित धर और मुख्य अनुसंधान विश्लेषक श्री सिद्धार्थ सेडानी द्वारा निवेशक जागरूकता एवं वित्तीय साक्षरता पर अपना व्याख्यान दिया। सत्र की उद्घोषना डॉ. कुमारी दीपा रानी ने किया।
कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. विनीता कुमारी, सहायक प्राध्यापक, स्नातकोत्तर वाणिज्य विभाग, द्वारा कुलगीत की प्रस्तुति एवं अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर की गयी।  तत्पश्चात मंचाशीन विद्वानों का अंगवस्त्र, स्मृतिचिन्ह एवं पुष्पगुच्छ भेंट कर सम्मानित किया गया।
संयोजक प्रो. आर एस जमुआर, संकायाध्यक्ष, सामाजिक विज्ञान एवं प्रबंधन, के स्वागत भाषण में सभा को सम्बोधित करते हुए इस कार्यक्रम की विशेषताओं पर जोर दिया। उन्होंने विश्वविद्यालय की शैक्षणिक गतिविधियों एवं उपलब्धियों के लिए माननीय कुलपति प्रो. एसपी शाही को धन्यवाद दिया।
सह-संयोजक प्रो. मुकेश कुमार, समन्वयक, आईक्यूएसी,  ने अपने सम्बोधन में कहा कि विश्वविद्यालय निरंतर विकास की ओर अग्रसर है और इस कड़ी में बहुत सारे कार्यक्रम सूचीबद्ध हैं जो ज्ञान के ज्योति को जलाये रखने और इस विश्वविद्यालय को एक गौरवशाली इतिहास बनाने में दिशा प्रदान करेंगे।
संयोजक प्रो. अनवर खुर्शीद खान, संकायाध्यक्ष, वाणिज्य संकाय ने विषय वस्तु की जानकारी देते हुए कार्यक्रम को आगे बढ़ाया। उन्होंने कहा कि शेयर मार्केट से जुड़ने की शुरुआत म्यूच्यूअल फंड्स के माध्यम से भी की जा सकती है।
श्री सुस्मित धर ने अपने व्याख्यान में निजी वित्तीय लक्षयों को तय कर उचित वित्तीय उत्पादों में निवेश करने की बात कही। उन्होंने विस्तार में विभिन्न तरह के वित्तीय विकल्पों की जानकारी देते हुए निवेश में समय की महत्ता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि अगर आप लम्बे समय के दृष्टिकोण लेकर नहीं चल रहे हैं, तो आपको शेयर बाजार से दूर रहना चाहिए। उन्होंने बताया कि कैसे छोटी रकम के सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान के जरिये भी 15-20 सालों में एक बड़ा रकम तैयार किया जा सकता है।
श्री सिद्धार्थ सेडानी ने अपने व्याख्यान में बताया कि कैसे भारत विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि 2030 तक भारत की जिडीपी विश्व में सबसे अधिक होगी।  उन्होंने बताया कि लोगों की विविधता के कारण बाजार के मध्यवर्ती संस्थाएँ विभिन्न प्रकार के वित्तीय विकल्प प्रदान करते हैं। उन्होंने भी कहा कि शेयर बाजार में निवेश लघुकालीन उद्देश्यओं के साथ कभी ना करें। अपने व्याख्यान के बाद उन्होंने श्रोताओं के प्रश्नों एवं दुविधाओं का भी हल बताया।
डॉ. सौरभ कुमार, सहायक प्राध्यापक, स्नातकोत्तर अर्थशास्त्र विभाग ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। तत्पश्चात राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ। आनंद राठी शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स लिमिटेड के विवेकानंद झा, राज कुमार सिंह, सूरज मिश्रा भी इस कार्यक्रम में मौज़ूद रहे। प्रो. ब्रजेश कुमार राय, अध्यक्ष, छात्र कल्याण, प्रो. विनय कुमार, संकायाध्यक्ष, मानवीकी संकाय, प्रो. वीरेंद्र कुमार, संकायाध्यक्ष, विज्ञान संकाय, प्रो. मोहम्मद एहतेशाम खान, प्रो. जावेद अंजुम, डॉ. शैलेन्द्र कुमार सिंह, एवं विश्वविद्यालय के सभी विभागों के अध्यक्ष, शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मी ने इस कार्यक्रम का लाभ उठाया।