कर्रेंट ट्रेंड्स इन रिसर्च फॉर डेवलपिंग न्यू इंडिया' विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी ( 25 से 26 सितम्बर, 2023) का
आयोजन
रिपोर्टः डीकेपंडित गयाबिहार
बिहार के मगध विश्वविद्यालय, बोधगया के शिक्षा विभाग में सामाजिक संकाय के द्वारा 'कर्रेंट ट्रेंड्स इन रिसर्च फॉर डेवलपिंग न्यू इंडिया' विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी ( 25 से 26 सितम्बर, 2023) का आयोजन किया गया. प्रथम दिन पूर्वाह्न 8 बजे प्रतिभागियों का पंजीकरण शुरू किया गया. 11 बजे पूर्वाह्न से 2 बजे अपराह्न तक 10 तकनिकी सत्रों का ऑनलाइन एवं ऑफलाइन तरीके से समानांतर आयोजन किया गया. तकनिकी सत्र-1 की अध्यक्षता प्रो दीपक कुमार, उपाध्यक्षता डॉ श्रद्धा ऋषि की एवं डॉ मौशमी ने मॉडरेटर के रूप में हिस्सा लिया. तकनिकी सत्र -२ में डॉ खुशबू अशोक मिश्रा ने अध्यक्षता की एवं डॉ शशिधर गुप्ता सत्र के उपाध्यक्ष थे. डॉ सौरव कुमार तिवारी मोडेरेटर के रूप में हिस्सा लिया. तकनिकी सत्र -3 की अध्यक्षता डॉ आर के ओझा एवं उपाध्यक्षता डॉ अब्दुल हन्नान ने किया एवं डॉ दीपा रानी ने सत्र की मध्यस्थता की. तकनिकी सत्र -४ के अध्यक्ष के रूप डॉ अबोध कुमार एवं उपाध्यक्ष के रूप में डॉ चन्द्रिका सोनी ने भाग लिया। डॉ हरी बाबू सांद्रो ने सत्र के मॉडरेटर की भूमिका निभाई. तकनिकी सत्र -5 की अध्यक्षता प्रो मुकेश कुमार तथा उपाध्यक्ष के रूप मुसर्रत जहाँ ने मॉडरेटर डॉ चांदनी के साथ सत्र का सञ्चालन किया. तकनिकी सत्र -६ के अध्यक्ष की भूमिका में डॉ मनोज कुमार एवं उपाध्यक्ष के रूप में डॉ आदर्श कुमार गुप्ता एवं मॉडरेटर डॉ मिनाक्षी प्रसाद के साथ सत्र का सञ्चालन किया. तकनिकी सत्र-7 का आयोजन डॉ पवन कुमार सिंह की अध्यक्षता एवं डॉ दिव्या मिश्रा की उपाध्यक्षता में संचालित की गयी जिसके मॉडरेटर के रूप में डॉ वंदना ने भाग लिया. तकनिकी सत्र -8 की अध्यक्षता डॉ प्रवीण कुमार एवं डॉ अंजनी कुमार घोष ने उपाध्यक्ष्ता की। डॉ प्रियंका सिंह इस सत्र की मॉडरेटर रहीं. तकनिकी सत्र -9 की अध्यक्षता प्रो मनीष सिन्हा ने की। डॉ अस्मिता खलखो ने उपाध्यक्षता की एवं डॉ सचिन मंदिलवार ने मॉडरेटर की भूमिका निभाई. आखिरी तकनिकी सत्र-१० की अध्यक्षता प्रो नृपेंद्र श्रीवास्तव ने किया तथा डॉ शैलेन्द्र कुमार सिंह ने उपाध्यक्षता की. डॉ मैसी चरण ने मॉडरेटर के रूप में सत्र सञ्चालन किया।
*द्वितीय सत्र*
मगध विश्वविद्यालय के ससामाजिक विज्ञान संकाय द्वारा विषय "नए भारत के विकास के लिए अनुसंधान में वर्तमान रुझान" पर दो दिवसीय संगोष्ठी का उद्घाटन सोमवार को श्री राधा कृष्णन सभागार में किया गया। कार्यक्रम की शुरुवात में अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित किया गया। गया कॉलेज की छात्रा द्वारा नृत्य तथा सरस्वती वंदना प्रस्तुत किया एवं विश्वविद्यालय की छात्राओं द्वारा कुलगीत प्रस्तुत किया गया। तत्पश्चात अतिथियों का स्वागत अंगवस्त्र, विष्णुपद स्मृति चिन्ह, पौधा, एवं पुष्पगुच्छ भेंट कर किया गया।
संयोजक प्रो. आर एस जमुआर ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि माननीय कुलपति प्रो. शशि प्रताप शाही के मार्गदर्शन में विश्वविद्यालय नित विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर रहा है। यह कार्यकाल निश्चित ही विश्वविद्यालय की गरिमा को आगे बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण कड़ी बन कर उभरेगा। उन्होंने कहा कि समाज का दो अहम् पहलु है, एक जहाँ गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई है, तो वहीं दूसरी तरफ ये देश टेक्नोलॉजी में बहुत आगे बढ़ रहा है,
इन दोनों पहलुओं में सामंजस्य स्थापित करना होगा ओर इसके लिए सतत प्रयास की जरुरत है.
इसके बाद अतिथियों एवं प्रकाशन टीम के सदस्यों द्वारा संगोष्ठी का स्मारिका का विमोचन किया गया। मुख्य वक्ता प्रो. आर एन सिंह, अवकासप्राप्त शिक्षक, काशी हिंदू विश्वविद्यालय, ने अपने बीज वक्त्तव्य में कहा कि मगध विश्वविद्यालय का एक अच्छा इतिहास रहा है, और जब कभी यहां आने का अवसर प्राप्त होता है तो उन्हें अपना बचपन याद आता है। उन्होंने कहा कि भारत को विकसित करने के लिए जनसंख्या नियंत्रण अतिआवश्यक है, साथ ही सभी नागरिकों को एक दूसरे का सम्मान करना होगा। भारत में स्वास्थ्य, शिक्षा, एवं कानून और प्रशासन को भी सुधारने की आवश्यकता है। उन्होंने राष्ट्रीय चरित्र निर्माण पर जोर देते हुए सभी को जाति मजहब भाषा और क्षेत्र से ऊपर उठ कर भारतीयवाद को बढ़ाना होगा।
मुख्य अतिथि प्रो. कामेश्वर झा, वाइस चेयरमैन , रुसा, ने कहा कि इस भूमि पर आकर एक अलग ऊर्जा प्राप्त होता है, तथा यहां कार्यरत होना एक सौभाग्य की बात है। ऐसे विकास प्रदत्त कार्यक्रमों का आयोजन विश्वविद्यालय के हितधारकों के उज्ज्वल भविष्य के लिए अतिआवश्यक है। उन्होंने कहा कि भारत निश्चित ही विश्व गुरु बन कर उभरेगा, किंतु यह शोध और नवाचार से ही संभव है। भारत की बढ़ती आबादी अपराध के बढ़ने का भी सूचक है, और हम इस ओर भी ध्यान देना चाहिए। उन्होंने शोधार्थियों को कई उद्धरण देते हुए कहा कि शोध के लिए प्रेरणा का होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि शोध के विषय का चुनाव अपने अंतरात्मा से कीजिए, आपका शोध आपको बहुत आगे ले कर जायेगा। नए भारत के निर्माण हेतु ग्रामीण विकास जरूरी है। बिहार में ग्रामीण विकास की वजह से बिहार में नक्सलवाद खत्म हो रहा है। यह शोध का विषय है। अच्छे शोध का बहु-दूरगामी प्रभाव होता है। सहभागीय प्रजातंत्र से ही नए भारत का नींव तैयार होगा। उन्होंने अपनी वाणी को विराम देते हुए कहा कि मगध विश्वविद्यालय के कुलपति निश्चय ही इस विश्वविद्यालय को एक नए मुक़ाम पर ले जायेंगे।
तत्पश्चात डॉ. प्रियंका सिंह, सहायक प्राध्यापिका, राजनीति शास्त्र विभाग द्वारा लिखी गई पुस्तक का अनावरण एवं लोकार्पण किया गया। माननीय कुलपति प्रो. शशि प्रताप शाही ने अपने संबोधन में कहा कि इस विश्वविधालय में जितने विद्वान शिक्षक हैं, उतने किसी भी राज्य विश्वविधालय में नहीं है। यहां के शिक्षक चुनौतियों से डरते नहीं, बल्कि डट कर सामना करते हैं। यह संगोष्ठी एक बहुत ही उत्कृष्ट विषय पर आधारित है और नए भारत के निर्माण में नई प्रवृत्तियां प्रदान करता है। उन्होंने कनाडा से संबंधित विदेश नीति की चर्चा करते हुए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की सराहना की। उन्होंने आगे कहा कि शोध गुरुजी द्वारा प्रेषित विषय पर नहीं बल्कि अपने अंतरात्मा द्वारा चिंतन करने के पश्चात अपने समाज से जुड़े विषयों पर होना चाहिए। विश्व बदल रहा है, हमें जाति धर्म से ऊपर उठ कर सोचने की आवश्यकता है, तभी हम नए भारत को एक सही दिशा की ओर अग्रसित कर पाएंगे। उन्होंने आगे कहा कि वह जब तक यहां रहेंगे, अपने मनोयोग से इस विश्वविधालय को हर संभव सहयोग दे कर जायेंगे। उन्होंने सभी को मुबारकबाद देते हुए अपने संबोधन को समाप्त किया। श्रीमती कविता कुमारी, सहायक अध्यापिका, समाजशास्त्र विभाग ने धन्यवाद ज्ञापन देते हुए उद्घाटन सत्र का समापन किया। डॉ. मीनाक्षी समेत डॉ. ममता मेहरा ने मंच संचालन किया।