पितृपक्ष मेला महासंगम के दौरान मां सीता के जीवन पर आधारित मनोरम झांकी देख कर श्रद्धालुओं को होगी सुखद अनुभूति: संजय कुमार झा*


*पितृपक्ष मेला महासंगम के दौरान मां सीता के जीवन पर आधारित मनोरम झांकी देख कर श्रद्धालुओं को होगी सुखद अनुभूति: संजय कुमार झा*

जल संसाधन तथा सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री ने कहा,

गया आने वाले श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों के आकर्षण का प्रमुख केंद्र बन गया है गयाजी डैम
डैम निर्माण विष्णुपद मंदिर के निकट फल्गु में जल की सालोभर उपलब्धता सुनिश्चित हुई है 
मां सीता पुल और मां सीता पथ के निर्माण से प्राचीन सीताकुंड तक पहुंचना भी हुआ सुगम

गया, 27 सितंबर 2023.
रिपोर्टः डीकेपंडित
ज्ञान एवं मोक्ष की भूमि के रूप में विश्व विख्यात गयाजी धाम में पितृपक्ष अवधि सहित सालोभर देश-दुनिया से लाखो श्रद्धालु पितरों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान एवं अन्य धार्मिक अनुष्ठान करने आते हैं। यहां हर साल लगने वाला विश्व प्रसिद्ध 'पितृपक्ष मेला महासंगम' इस वर्ष 28 सितंबर से 14 अक्टूबर 2023 तक चलेगा। महासंगम शुरू होने की पूर्व संध्या पर बिहार सरकार के जल संसाधन तथा सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री श्री संजय कुमार झा ने कहा कि गयाजी धाम आने वाले श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों को समुचित सुविधा मिले, इसके प्रति मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का शुरू से विशेष ध्यान रहा है। इस वर्ष भी महासंगम में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए राज्य सरकार द्वारा कई कार्य कराये गये हैं।

मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि गया में विश्व प्रसिद्ध विष्णुपद मंदिर के निकट फल्गु नदी में सतही जल का प्रवाह बरसात के कुछ महीनों को छोड़ कर सालोभर नगण्य रहने के कारण श्रद्धालुओं को पिंडदान, स्नान-तर्पण आदि में काफी परेशानी होती थी। उन्हें बालू खोद कर जल निकालना पड़ता था। कई बार यहां जल निकालने के लिए नदी के बीच में चापाकल गाड़ना पड़ जाता था। श्रद्धालुओं को इस परेशानी से मुक्ति दिलाने और विश्व प्रसिद्ध विष्णुपद मंदिर के निकट फल्गु नदी में सालोभर जल उपलब्ध कराने के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर जल संसाधन विभाग ने यहां बिहार के पहले रबर डैम के निर्माण की योजना बनाई। इसके तहत विष्णुपद मंदिर के 300 मीटर निम्न प्रवाह में 405 मीटर लंबे, 03 मीटर ऊंचे रबर डैम का निर्माण कराया गया है, जो संभवत: देश का सबसे बड़ा रबर डैम है। इस रबर डैम का शिलान्यास 22 सितंबर, 2020 को और लोकार्पण 8 सितंबर, 2022 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कर-कमलों द्वारा किया गया। लोकार्पण के समय इसे उन्होंने 'गयाजी डैम' नाम दिया।

श्री संजय कुमार झा ने बताया कि बिहार में पहली बार परंपरागत कंक्रीट डैम के स्थान पर अत्याधुनिक तकनीक पर आधारित रबर डैम का निर्माण कराया गया है, जिसका पर्यावरण पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। योजना की पूरी रूपरेखा आईआईटी रुड़की के विशेषज्ञों द्वारा स्थल निरीक्षण के उपरांत दिये गये परामर्श को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई थी। रबर डैम के निर्माण से फल्गु नदी में सतही एवं उप सतही जल प्रवाह को रोक कर जल संचयन के लिए 1031 मीटर लंबाई में शीट पाइल और 300 मीटर में डायफ्राम वॉल का प्रावधान किया गया है। इससे यहां फल्गु नदी में जल की सालोभर उपलब्धता सुनिश्चित हुई है। ठहरे हुए पानी के समय-समय पर प्रतिस्थापन के लिए बोरवेल की स्थापना की गई है। लोकार्पण के बाद से ही यह रबर डैम श्रद्धालुओं को सुविधा प्रदान करने के साथ-साथ पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का एक प्रमुख केंद्र बन गया है।

श्री संजय कुमार झा ने बताया कि गयाजी धाम में पिंडदान के उद्देश्य से आने वाले श्रद्धालुओं को फल्गु नदी के दायें तट पर स्थित सीताकुंड तक जाने-आने में सुविधा हो, इसके लिए जल संसाधन विभाग ने रबर डैम के ऊपर 411 मीटर लंबा पैदल स्टील पुल का निर्माण कराया है, जिसे मां सीता पुल नाम दिया गया है। इस पुल से उतर कर सीता कुंड तक आसानी से पहुंचने के लिए विभाग द्वारा मां सीता पथ का भी निर्माण कराया गया है। इसके साथ ही जल संसाधन विभाग ने मां सीता पथ के किनारे निर्मित दीवारों का करीब 800 मीटर लंबाई में मिथिला पेंटिंग से सौंदर्यीकरण भी करवाया है। मिथिला पेंटिंग की जानी-मानी कलाकार पद्मश्री दुलारी देवी और पुतुल चौधरी के नेतृत्व में अनुभवी कलाकारों की टीम ने यहां माता सीता के जीवन पर आधारित झांकियां उकेरी हैं। यह संभवतया दुनिया की सबसे लंबी मिथिला पेंटिंग है। गयाजी धाम आने वाले श्रद्धालुओं को मां सीता पथ के किनारे मिथिला पेंटिंग से सजी माता सीता के जीवन पर आधारित मनोरम झांकियां देख कर निश्चित रूप से सुखद अनुभूति होगी। 
 
श्री संजय कुमार झा ने बताया कि पिंडदान के लिए आनेवाले श्रद्धालुओं को फल्गु नदी में स्नान एवं तर्पण करने में सुविधा हो, इसके लिए जल संसाधन विभाग द्वारा विष्णुपद मंदिर की तरफ के घाट का जीर्णोद्धार एवं विस्तार कराया गया है, जबकि सीताकुंड की तरफ नये घाट का निर्माण कराया गया है। विभाग ने अपने अधिकारीगण एवं अभियंताओं के सुनियोजित प्रयासों के कारण गयाजी धाम में रबर डैम एवं अन्य सुविधाओं का निर्माण रिकॉर्ड समय में पूरा कराया। पिछले साल पितृपक्ष महासंगम के दौरान गया पहुंचे 12 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने रबर डैम एवं अन्य कई सुविधाओं का लाभ उठाया था। तब बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने इन सुविधाओं की सोशल मीडिया एवं अन्य माध्यमों के जरिये जमकर सराहना की थी।

उन्होंने बताया कि गया शहर के निवासियों द्वारा घरेलू कार्य के लिए उपयोग किये जाने वाले जल का निस्तारण पहले विष्णुपद मंदिर के अपस्ट्रीम में मनसरवा नाला के माध्यम से होता था। इससे श्रद्धालुओं द्वारा पिंडदान के समय उपयोग किए जा रहे नदी जल की स्वच्छता पर विपरीत असर पड़ता था। इस समस्या के निवारण के लिए जल संसाधन विभाग द्वारा फल्गु के बायें तट पर 752 मी० लंबाई में मनसरवा नाला के साथ-साथ 250 मी० लंबाई में कंक्रीट घाट का भी निर्माण कराया गया है। इससे शहर के अपशिष्ट जल (सीवेज) का निष्पादन अन्यत्र किया जाना संभव हो पाया है।