सवाल पूछने वालों से घबराते है, प्रधनमन्त्री मोदीःकांग्रेस

 सवाल पूछने वालों से घबराते है, प्रधनमन्त्री मोदीःकांग्रेस 
रिपोर्टः डीकेपंडित 
      गया(बिहार)   मोदी सरकार के इसारे पर दिल्ली पुलिस ने देश के निर्भीक, ईमानदार , स्वतंत्र, पत्रकारों के घरों पर छापेमारी कर हिरासत मे लेने की घटना की जितनी निंदा की जाए वो कम है। 
      बिहार प्रदेश कांग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह प्रवक्ता प्रो विजय कुमार मिठु, पूर्व विधायक मो खान अली, जिला कांग्रेस उपाध्य्क्ष बाबूलाल प्रसाद सिंह, राम प्रमोद सिंह, सुनील कुमार सिन्हा,कांग्रेस व्यवसायिक प्रकोष्ठ के नगर अध्य्क्ष उदय शंकर पालित, शिव कुमार चौरसिया, मो समद, युवा कांग्रेस अध्य्क्ष विशाल कुमार, कांग्रेस सेवादल के संगठक टिंकू गिरी, विपिन बिहारी सिन्हा, कुंदन कुमार, अभिषेक श्रीवास्तव, प्रदुमंन् दुबे, अशोक राम, मो अहमद राजा खान आदि ने कहा की न्यूज़ क्लिक के पत्रकारों द्वारा मजदूरों और किसानो के मुद्दे पर किये गए कवरेज के वजह से उन्हे निसाना बनाया गया। 
       नेताओ ने कहा की यह घटना  प्रेस की आजादी को खत्म करने की केन्द्र सरकार का सुनियोजित प्रयास है। किसी भी मीडिया संगठन से जुड़े लगभग सभी कर्मचारियों पर छापा मारने, डराने, धामकाने की ऐसी कारवाई देश मे इसके पहले कभी नही देखी गई। 
        नेताओ ने कहा की पत्रकारों के खिलाफ कारवाई बताती है की प्रधनमन्त्री मोदी सवाल पूछने वालो से घबराते है। पी एम मोदी डरे हुए है, घबराये हुए है, खासतौर से उन लोगो से जो उनकी विफलताओ पर, उनकी नाकामीयो पर सवाल पूछते है। 
      नेताओ ने कहा की प्रेस स्वतंत्रता सूचकांक मे भारत 180 देशों मे 161 वें नंबर पर है । भाजपा सरकार ताकत का इस्तेमाल सिर्फ उन मीडिया संगठनो और पत्रकारों के खिलाफ करती है, जो सत्ता के सामने सच बोलने की हिम्मत करते है। लेकिन देश मे नफरत और विभाजन भड़काने वालो के खिलाफ कारवाई करने की बात आती है, तो भाजपा सरकार को लकवा हो जाती है। भाजपा सरकार ने अपने करीबी पुंजिपतियो को मीडिया संगठनो पर कब्जा करने की छुट देकर मीडिया को अपनी हितो के पैरवी करने वाले प्रवक्ताओ मे तब्दील करने की कोशिश की है। मोदी सरकार मीडिया को निष्पक्ष रिपोर्टिंग करने से रोकने के लिए इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट 2021 जैसी प्रतिगामी नीतियां भी लेकर आई है, जिसकी आड़ मे बी जे पी ना सिर्फ अपने कारनामो को भारत की जनता से छिपाना चाहती है ,  बल्कि से परिपकव लोकतंत्र के तौर पर सारी दुनिया मे भारत की प्रतिष्ठा को भी नुक्शान हो रहा है।