एकदिवसीय राष्ट्रीय वेब संगोष्ठी 'मेंटल हेल्थ ए हुमन राइट फॉर ऑल' का आयोजन

एकदिवसीय राष्ट्रीय वेब संगोष्ठी 'मेंटल हेल्थ ए हुमन राइट फॉर ऑल'  का आयोजन
रिपोर्टः डीकेपंडित गयाबिहार
गया(बिहार) मगधविश्श्ववविधालय बोधगया में  मानसिक स्वास्थ्य दिवस (World Mental Health Day) के अवसर पर जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से मनोविज्ञान विभाग के द्वारा  एकदिवसीय राष्ट्रीय वेब संगोष्ठी 'मेंटल हेल्थ ए हुमन राइट फॉर ऑल'  का आयोजन किया गया । विक्रम का संचालन तथा विषय परिचय आयोजन सचिव डॉ मीनाक्षी द्वारा दिया गया। मनोविज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर सुनीति सुमन द्वारा स्वागत अभिभाषण दिया गया। मगध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एसपी शाही जी ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि अगर व्यक्ति मानसिक रूप से सुदृढ़ है तो वह शारीरिक बाधाओं को भी पार कर सकता है। उन्होंने मनोविज्ञान विभाग को इस तरह की आयोजन के लिए बधाई दी। वेबीनार में चार विशिष्ट व्याख्यान हुए ।पहली वक्ता डॉ मीनाक्षी बाजपेई , सहायक अध्यापिका आर्य महिला पीजी कॉलेज वाराणसी द्वारा 'मेकिंग मेंटल हेल्थ ह्यूमन राइट फॉर ऑल' विषय पर व्याख्यान देते हुए मेंटल हेल्थ तथा मेंटल इलनेस के अंतर को स्पष्ट किया गया तथा मानसिक बीमारियों के विविध कारणों पर प्रकाश डाला गया । दूसरी वक्त नवरचना यूनिवर्सिटी वडोदरा, गुजरात की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ प्रियंका बेहरानी  द्वारा 'कॉमनली इग्नॉरड मेंटल इश्यूज' पर बात करते हुए बताया गया की किस प्रकार हम अक्सर रोग के लक्षण या तो अनदेखे कर देते हैं या नकार देते हैं। तृतीय वक्त। श्रीमती यश सेठ जो की अंतरंग: एक्सप्लोर योर इनसाइड स्टोरी  भरूच की संस्थापक हैं तथा एक रिहैबिलिटेशन साइकोलॉजिस्ट है के द्वारा 'रोल ऑफ़ थैरेपीज इन डीलिंग विद मेंटल इश्यूज हेल्थ इश्यूज' पर विस्तार से चर्चा की गई। उन्होंने कॉग्निटिव बिहेवियर थेरेपी का उदाहरण देते हुए बताया कि किस प्रकार से थेरेपी विभिन्न मानसिक रोगों के निवारण के लिए ही नहीं  वरन मानसिक विकास के लिए भी उपयोगी है ।आखिरी वक्ता श्रीमती दीपल दवे जो की तत्व काउंसलिंग सेंटर विद्यानगर की फाउंडर है ,के द्वारा 'मेंटल वेल बीइंग' विषय पर चर्चा की गई तथा मेडिटेशन तकनीक का लाइव डेमोंसट्रेशन भी किया गया। ज्ञापन प्रोफेसर सुप्रिती सुमन द्वारा दिया गया। संगोष्ठी में तकनीकी सहयोग गया कॉलेज के श्री उज्जवल कुमार तथा श्री सत्यम कुमार द्वारा दिया गया। इस अवसर पर विभिन्न महाविद्यालयों के शोधार्थी छात्र एवं शिक्षक इस संगोष्ठी से जुड़े रहे।