पितृपक्ष मेला महासंगम 2023 के कल अंतिम तिथि अर्थात कल अमावस्या के तिथि पर देश-विदेश से आये विभिन्न पिंडदानियों के साथ-साथ मगध क्षेत्र के लोकल व्यक्तियों द्वारा भी कल के तिथि में तर्पण करने की पर

पितृपक्ष मेला महासंगम 2023 के कल अंतिम तिथि अर्थात कल अमावस्या के तिथि पर देश-विदेश से आये विभिन्न पिंडदानियों के साथ-साथ मगध क्षेत्र के लोकल व्यक्तियों द्वारा भी कल के तिथि में तर्पण करने की परंपरा
गया, 13 अक्टूबर 2023, 
रिपोर्टः डीकेपंडित गयाबिहार
पितृपक्ष मेला महासंगम 2023 के कल अंतिम तिथि अर्थात कल अमावस्या के तिथि पर देश-विदेश से आये विभिन्न पिंडदानियों के साथ-साथ मगध क्षेत्र के लोकल व्यक्तियों द्वारा भी कल के तिथि में तर्पण करने की परंपरा है। कल पितृ तर्पण का अंतिम तिथि में तीर्थयात्री अपने पूर्वजों को अंतिम तर्पण करते हुए घर वापसी लेते हैं। 
      पितृ पक्ष के अंतिम तिथि पर भारी भीड़ को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन कल अहले सुबह 4:00 बजे से ही विभिन्न स्थानों पर पदाधिकारियों एवं पुलिस पदाधिकारियों की उपस्थिति सुनिश्चित कराई गई। ट्रैफिक व्यवस्था सुचारू रहे इसके लिए अतिरिक्त ट्रैफिक के जवानों को मेला क्षेत्र में लगाया जाएगा। 
      ऐसा मान्यता है कि लोग कल अंतिम तिथि में तर्पण करने के पश्चात विष्णुपद मंदिर में भगवान के दर्शन करने जाते हैं इसे लेकर प्रशासन द्वारा भीड़ नियंत्रण के उद्देश्य से पूरी आवश्यक तैयारी कर ली है। 
         इसे ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन सभी लोकल नागरिकों से अपील करता है कि गयाजी डैम निर्माण होने के कारण लोग घाट पर ही तर्पण करेंगे, जबकि पिछले कई वर्षों जब फल्गु नदी में पानी नहीं रहती थी, तो लोग नदियों में जाकर तर्पण करते थे।*
           *उन्होंने कहा कि नदी में पानी रहने के कारण लोग घाट पर ही तर्पण करेंगे। अत्यधिक भीड़ की स्थिति ना बने इसके लिए पिता महेश्वर, पंचदेव धाम, ब्राह्मणी घाट, गजाधर घाट, सीता कुंड, केंदुई घाट तथा अन्य घाट जो फल्गु नदी के समानांतर है। सभी में आप अपनी सहूलियत के अनुसार तर्पण करें।*
            *जिला प्रशासन अपील करता है कि कल अर्थात  14 अक्टूबर को अमावस्या के तिथि में एक साथ सारे लोग देव घाट पर भीड़ न लगावे। प्रशासन द्वारा इन संबंधित सभी घाटों पर पर्याप्त व्यवस्था रखी गई है। सभी आमजन भीड़ से बचने हेतु अन्य घाटों का भी प्रयोग करें।*