देश और विश्व के निर्माण की दिशा में विद्यार्थियों की भूमिका अहम, महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू*


*देश और विश्व के निर्माण की दिशा में विद्यार्थियों की भूमिका अहम, महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू*
रिपोर्टः डीकेपंडित गया बिहार 

बिहार के केंद्रीय विश्वविद्यालय साउथ बिहार टेकारी वर्तमान में  प्रायः सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में छात्राओं द्वारा उत्कृष्ट प्रदर्शन दिया जा रहा है, यह एक बहुत ही सुखद बदलाव है | यह एक बेहतर समाज के निर्माण में भारत की प्रगति की ध्यातव भी है | यह वक्तव्य महामहिम राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने विजिटर (कुलाध्यक्ष) एवं मुख्य अतिथि के रूप दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) में 20 अक्टूबर, 2023 (शुक्रवार) को आयोजित तीसरे दीक्षांत समारोह के दौरान दी | अपने दीक्षांत संबोधन में महामहिम राष्ट्रपति ने कहा कि उपाध्याय (डिग्री) प्राप्त करने वाले दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय के सभी विद्यार्थियों को मैं बहुत - बहुत बधाई देती हूँ | वहीँ उत्कृष्ट प्रदर्शन देते हुए स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले छात्र - छात्राओं की मैं विशेष सराहना करती हूँ | मुझे यह बताया गया है कि दीक्षांत समारोह में उत्कृष्ट प्रदर्शन देने वाले विद्यार्थियों के लिए स्वर्ण पदकों की कुल संख्या 103 है जिसमें से 66 पदक हमारी बेटियों ने हासिल किया है | आज जिन 25 विद्यार्थियों ने मंच पर आकर मुझसे गोल्ड मेडल प्राप्त किया उसमें से भी 18 बेटियां थीं और साथ छात्र थे | सभी देशवासी इस बात पर गर्व करते हैं कि बिहार की इसी धरती पर विश्व की पहली लोकतांत्रिक व्यवस्था फली फूली थी | संविधान सभा के अंतिम भाषण में बाबा साहेब डॉ. भीम राव अम्बेडकर ने कहा था कि संविधान में प्राचीन साम्राज्यों में शामिल बौद्ध साम्रज्य से भी प्रेरणा ली गई है |  भारत के संविधान एवं आधुनिक गणराज्य के निर्माण में भी  बिहार की इस महान धरती से डॉ. सच्चिदानंद सिन्हा एवं डॉ. राजेंद्र प्रसाद के साथ - साथ बिहार के अनेक विभूतियों ने अमूल्य योगदान दिया है  | प्राचीन काल से ही बिहार की यह धरती प्रतिभाओं को विकसित करने में प्रसिद्द रही है | चाणक्य और आर्यभट्ट जैसे विद्वानों ने सामाजिक व्यवस्था के साथ - साथ गणित तथा विज्ञान के छेत्र में क्रांतिकारी योगदान दिए जिससे पूरे मानवता के विकास में सहायता प्राप्त हुई | इस विश्वविद्यालय में भी स्कूल के भवनों के नाम आर्यभट्ट भवन एवं चाणक्य भवन रखा गया है जो काफी सराहनीय है | इस विश्वविद्यालय के आचार्यगण (प्राध्यापकगण) एवं विद्यार्थियों द्वारा विश्वस्तरीय शिक्षण और शोध करने का लगातार प्रयास किया जा रहा है जो काफी  प्रशंसनीय है | अंत में महामहिम ने कहा कि मैं विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों से यह आह्वान करना चाहूंगीकी  आज के इस परिवर्तन वाले दौर में देश और विश्व के निर्माण की दिशा में वे अहम भूमिका निभा सकते हैं | 

सम्मानित अतिथि के रूप में दीक्षांत समारोह में उपस्थित महामहिम राज्यपाल श्री राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने अपने संबोधन में सीयूएसबी के उत्कृष्ट पठन - पाठन की व्यवस्था एवं नियमित सत्र संचालन की सराहना की | उन्होंने विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो के. एन. सिंह को सम्बोधित करते हुए कहा कि नियमित सत्र की तरह दीक्षांत समारोह का भी आयोजन प्रतिवर्ष होना चाहिए और विद्यार्थियों को समय पर उनकी डिग्री वितरित कर देनी चाहिए | 

 

सीयूएसबी के कुलपति प्रो. कामेश्वर नाथ सिंह ने  महामहिम राष्ट्रपति, राज्यपाल श्री राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर, सीयूएसबी के संस्थापक कुलपति प्रोफेसर जनक पांडेय, भूतपूर्व कुलपति प्रोफेसर हरिश्चंद्र सिंह राठौर एवं अन्य गणमान्यों के कार्यक्रम में उपस्थित होने के लिए आभार प्रकट करते हुए आगे अपने विचार साझा किए | उन्होंने कहा कि “यह धरती ज्ञान एवं मोक्ष की धरती रही है, यहाँ अतीत में नालंदा एवं विक्रमशिला जैसे विश्वविद्यालयों रहे हैं जिसने पूरी दुनिया को शिक्षा देने का कार्य किया है, आज उसी धरती पर दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय स्थापित है जो देश और दुनिया को शिक्षा देकर अपने गौरवशाली अतीत को फिर से प्रतिस्थापित करने का सकारात्मक प्रयास कर रहा है | सीयूएसबी के कुलपति ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि, "आज विश्वविद्यालय और पूरे मगध क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है।" पूरे विश्वविद्यालय समुदाय ने इस आयोजन को सफल बनाने के लिए अपना अथक प्रयास किया है।  हम स्नातक (यूजी) और स्नातकोत्तर (पीजी) स्तर पर 1142 उत्तीर्ण छात्रों को स्वर्ण पदक और डिग्री प्रदान करने के लिए समान रूप से उत्साहित हैं। हाल ही में नैक ए ++ ग्रेड से मान्यता प्राप्त, सीयूएसबी ने पहली बार गया में अपने 300 एकड़ के स्थायी हरे-भरे परिसर में दीक्षांत समारोह का आयोजन किया | 

 

दीक्षांत समारोह के दौरान टॉपर्स को डिग्री के साथ-साथ मेडल भी दिया गया जिसमें चांसलर गोल्ड मेडल, स्कूल गोल्ड मेडल, डिपार्टमेंट गोल्ड मेडल आदि शामिल हैं। वर्ष 2018, 2019 और 2020 के दौरान अंडरग्रेजुएट (यूजी), पोस्टग्रेजुएट (पीजी) और एम.फिल./पीएचडी स्तर के  उत्तीर्ण छात्रों को तीसरे दीक्षांत समारोह के दौरान डिग्री प्रदान की गई। गौरतलब है कि 103 स्वर्ण पदकों में से छात्राओं ने प्रभावशाली ढंग से 66 पदक हासिल किए हैं। इसके अलावा, कुछ छात्रों ने विभिन्न श्रेणियों से एक से अधिक स्वर्ण पदक हासिल किए हैं। शैक्षणिक सत्र 2016-18 से दो छात्रों को अंकिता कुमारी (एमएससी लाइफ साइंस) और सान्या दरख्शां किश्वर (इंटीग्रेटेड बीएससी एलएलबी (ऑनर्स) को तीन श्रेणियों (चांसलर स्वर्ण पदक, स्कूल स्वर्ण पदक और विभाग स्वर्ण पदक) से स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया |  इसी तरह, शैक्षणिक सत्र 2017-19 से फरजाना नवशीन  (एमएससी बायोटेक्नोलॉजी) और नवनीत कुमार (इंटीग्रेटेड बीए एलएलबी (ऑनर्स) और शैक्षणिक सत्र 2018-20 से प्राची कुमार (इंटीग्रेटेड बीएससी बीएड) और शिवम पांडे (एमएससी कंप्यूटर साइंस) ने तीन श्रेणियों में तीन पदक हासिल किए हैं। वहीं कुछ छात्रों ने स्कूल स्वर्ण पदक और डिपार्टमेंट स्वर्ण पदक नामक दो स्वर्ण पदक हासिल किए हैं। शैक्षणिक सत्र 2016-18 से स्वर्ण पदक प्राप्त करने वालों में सुधा सिन्हा (इंटीग्रेटेड  बीएससी बीएड), आयुष आनंद (एमए कम्युनिकेशन एंड मीडिया), कुमारी अंकिता (एमए इंग्लिश), राबिया फातिमा (एमए साइकोलॉजी), रीता कुमारी ( एमए सोशियोलॉजी) और प्रियांशु प्रिया (एमएससी कंप्यूटर साइंस)। शैक्षणिक सत्र 2017-19 से छात्रा रोमा कुमारी (इंटीग्रेटेड बीएससी बीएड), एलिजाबेथ चिरायिल (एमए  साइकोलॉजी), सौरभ तिवारी (एमए कम्युनिकेशन एंड मीडिया), अफशा परवेज़ (एमए डेवलपमेंट स्टडीज), कुमारी प्रज्ञा (एमए हिंदी) और निमिषा एन जोस (एमएससी स्टेटिस्टिक्स) ने दो स्वर्ण पदक हासिल किए हैं। शैक्षणिक सत्र 2016-18 से दो स्वर्ण पदक अर्थात् स्कूल स्वर्ण पदक और विभाग स्वर्ण पदक रॉबिन विंसेंट (इंटीग्रेटेड बीए एलएलबी (ऑनर्स), प्रेरणा प्रिया (एमए डेवलपमेंट स्टडीज), अपर्णा कुमारी (एमए इंग्लिश), रवि रंजन कुमार (एमए जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन), पीयूष आनंद (एमए साइकोलॉजी), संजय कुमार मोहंती (एमएससी बायोइनफॉर्मेटिक्स), ट्विंकल गोराई (एमएससी केमिस्ट्री) और अदिति (मास्टर ऑफ कॉमर्स) ने हासिल किए हैं। 

 

गौरतलब है कि सीयूएसबी का 26 सितंबर 2013 को पहला दीक्षांत समारोह और 27 मार्च 2018 को बीआईटी पटना के किराये के परिसर में आयोजित दूसरा दीक्षांत समारोह के बाद तीसरा दीक्षांत समारोह स्थायी परिसर में आयोजित किया गया | कुल मिलाकर, वर्ष 2018, 2019 और 2020 के दौरान अंडरग्रेजुएट (यूजी) और पोस्ट ग्रेजुएट (पीजी) पाठ्यक्रमों में टॉप करने वाले कुल 103 छात्रों को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया जाएगा। वर्ष 2018 के लिए दो (02) छात्रों को चांसलर गोल्ड मेडल, आठ (08) छात्रों को स्कूल गोल्ड मेडल और 22 छात्रों को डिपार्टमेंट गोल्ड मेडल दिया गया । इसी प्रकार, वर्ष 2019 के लिए दो (02) छात्रों को चांसलर स्वर्ण पदक, आठ (08) छात्रों को स्कूल स्वर्ण पदक और 22 छात्रों को विभाग स्वर्ण पदक दिया जाएगा। वर्ष 2020 के लिए दो (02) छात्रों को चांसलर गोल्ड मेडल, दस (10) छात्रों को स्कूल गोल्ड मेडल और 27 छात्रों को डिपार्टमेंट गोल्ड मेडल दिया गया ।