रामायण के रचनाकार, महर्षि वाल्मीकि जयंती पर सत्य, प्रेम, संघर्ष को ज़न, ज़न मे पहुंचाने का संकल्प *

.* रामायण के रचनाकार, महर्षि वाल्मीकि जयंती पर सत्य, प्रेम,  संघर्ष को ज़न, ज़न मे पहुंचाने का संकल्प *
रिपोर्टः डीकेपंडित गयाबिहार।
     गया। आज रामायण के रचनाकार, हिन्दू धर्म के श्रेष्ठ गुरू महर्षि वाल्मीकि की जयंती अश्वनी पूर्णिमा को गया के स्थानीय चौक स्थित इंदिरा गांधी प्रतिमा स्थल प्रांगण मे कॉंग्रेस पार्टी के तत्वाधान मे मनाई गई।
           जयंती कार्यक्रम में बिहार प्रदेश कॉंग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह प्रवक्ता प्रो विजय कुमार मिट्ठू, जिला कॉंग्रेस उपाध्यक्ष बाबूलाल प्रसाद सिंह, दामोदरगोस्वामी,  शशि किशोर शिशु, देवेन्द्र प्रताप उर्फ बबलू राम,  धर्मेंद्रकुमार निराला,  शिवकुमारचौरसिया,  राजीव रंजन गया कॉलेज, प्रद्युम्न दुबे, उदय शंकर पालित, बबलू राम, ,  अभिषेक श्रीवास्तव, विनोद उपाध्याय, सुरेन्द्र मांझी,  अशोक राम,  सुजीत गुप्ता,  आदि ने महर्षि वाल्मीकि के  चित्र पर माल्यार्पण के पश्चात्‌ उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला।
         जयंती कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि महर्षि वाल्मीकि का जीवन सत्य,  संघर्ष और प्रेम का खजाना है,  जिसे प्रत्येक मानव को अपने  जीवन में उतारने की आवश्यकता है।
           नेताओं ने कहा कि इनके जीवनी मे  कभी रत्नाकर डाकू, कभी  भील दलित परिवार, फिर  हिंदू  धर्म  के श्रेष्ठ  गुरू भारत के लोकप्रिय ग्रंथ रामायण की सबसे पहले संस्कृत भाषा मे लिखा, जिसमें 24000 श्लोक है।
        नेताओं ने कहा कि महर्षि बाल्मीकि का जीवन बहुत ही संघर्ष से भरा रहा है,  प्रतिवर्ष  शारद पूर्णिमा के दिन ही इनकी जयंती मनाई जाती है।  वैसे तो शरद पूर्णिमा  के दिन मां लक्ष्मी और  चंद्रमा की पूजा होती  है लेकिन इस  दिन महर्षि वाल्मीकि की जयंती का भी विशेष महत्व होता है।
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