* भाषा की मर्यादा पर सलाह देने वाले ज्ञानी लोग कहाँ थे जब भाजपा के नेता ' राहु काल ', ' पप्पू ', मूर्खों के सरदार, राहु- केतु जैसे शब्द बोल रहे थे *
गयाबिहार रिपोर्टः डीकेपंडित
आज मीडिया के सभी सम्मानित साथी बहुत भावुक हो कर, कॉंग्रेस पार्टी के नेता को भाषा की मर्यादा की सलाह दे रहे हैं, लेकिन हम कॉंग्रेस ज़न उनसे पूछना चाहते हैं कि जब देश के प्रधानमंत्री द्वारा मूर्खों का सरदार, केन्द्रीय वित्त मंत्री द्वारा राहु काल, केन्द्रीय गृह मंत्री द्वारा राहु- केतु, तथा भाजपा द्वारा अरबों, खरब खर्च कर कॉंग्रेस के सर्वमान्य नेता, देश की आवाज, विश्व के लोकतंत्र के महानायक राहुल गांधी को पप्पू जैसे शब्द बोले जा रहे थे , उस समय ये ज्ञानचंद कहाँ थे।
बिहार प्रदेश कॉंग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह प्रवक्ता प्रो विजय कुमार मिट्ठू, पूर्व विधायक मोहम्मद खान अली, जिला कॉंग्रेस उपाध्यक्ष बाबूलाल प्रसाद सिंह, राम प्रमोद सिंह, प्रद्युम्न दुबे, इंटक के अजय सिंह, कॉंग्रेस सेवा दल के टिंकू गिरी, श्रवणपासवान, राहुलचंद्रवंशी, बाल्मीकि प्रसाद, शिव कुमार चौरसिया, मोहम्मद समद, उदय शंकर पालित, बबलू कुमार, चंचल केशरी, आदि अपने, अपने हाथों में राहुल गांधी का तस्वीर लेकर प्रतिरोध मार्च निकाला। प्रतिरोध मार्च में शामिल नेताओं ने कहा कि आज भारत ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण विश्व जिस राहुल गांधी को लोकतंत्र का महानायक कह रहा हैं, जिसने कन्याकुमारी से कश्मीर तक के चार हजार किलोमीटर की पदयात्रा कर देश के करोड़ों किसान, मजदूर, छात्र, नौजवान, महिलाएं, बच्चे, बूढे से रुबरु होकर उनके दुख, सुख को जाना, उनके समस्याओं के निराकरण हेतु लगातार संघर्षरत रहने का संकल्प दोहराया ।
नेताओं ने कहा कि मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना, मिजोरम विधानसभा चुनावों में भाजपा की करारी हार को देखते हुए प्रधानमंत्री सहित उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी, भाजपा, आर ए स ए स के नेता कार्यकर्ता घबराहट में अनर्गल बयान दे रहे हैं।
नेताओं ने कहा क्रिकेट जैसे लोकप्रिय खेल में भारत के वर्ल्ड कप हारने से देश की 140 करोड़ जनता की आशा पर पानी फिरने से भारतवासियों द्वारा हार के लिए तरह, तरह बातें बोल रहे है, जिसे मोदी सरकार, भाजपा के लोग खिसिया नी बिल्ली खंभा नोचे वाले कहावत को चरितार्थ करते हुए भाषा की मर्यादा की दुहाई दे रहे हैं।
नेताओं ने कहा कि देश को आजादी दिलाने वा ली 138 वर्ष पुरानी पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस जिसके राष्ट्रीय, प्रांतीय नेता से लेकर जिला, प्रखंड, पंचायत, गांव, मुहल्लों तक के नेता, कार्यकर्ता हमेशा भाषाओं की मर्यादा का ख्याल रखते हैं, जिन्हें किसी की सलाह की आवश्यकता नहीं है।