माननीय मुख्यमंत्री बिहार की महत्वाकांक्षी योजना जल-जीवन-हरियाली अन्तर्गत गया जिला में ग्रामीण विकास विभाग एवं लघु जल संसाधन विभाग द्वारा जल संचयन से संबंधित कई संरचनाओं का निर्माण कराया


माननीय मुख्यमंत्री बिहार की महत्वाकांक्षी योजना जल-जीवन-हरियाली अन्तर्गत गया जिला में ग्रामीण विकास विभाग एवं लघु जल संसाधन विभाग द्वारा जल संचयन से संबंधित कई संरचनाओं का निर्माण कराया 
रिपोर्टः डीकेपंडित
गया, 02 दिसंबर 2023, माननीय मुख्यमंत्री बिहार की महत्वाकांक्षी योजना जल-जीवन-हरियाली अन्तर्गत गया जिला में ग्रामीण विकास विभाग एवं लघु जल संसाधन विभाग द्वारा जल संचयन से संबंधित कई संरचनाओं का निर्माण कराया गया है। इन संरचनाओं के निर्माण से जल का भरपूर संचयन हो रहा है तथा इससे कृषि एवं अन्य कार्यो के लिए जल की उपलब्धता बढ़ी है। चुकी गया ज़िला सुखाड़ क्षेत्र रहा है। इस जिले के किसान अपने खेतो को सिचाई हेतु सिंचित करने लिए पूरी तरह आहर, पोखर, पइन जैसे जल संरचनाओ पर निर्भर रहते हैं। इस भी बिंदुंओ को देखते हुए जिला पदाधिकारी गया डॉ० त्यागराजन एसएम लगातार समीक्षा एव सतत निगरानी में योजनाओं को क्रियान्वित करवाया जा रहा है। 
            जल-जीवन-हरियाली अन्तर्गत गया जिला में ग्रामीण विकास विभाग अन्तर्गत मनरेगा से पिछले वित्तीय वर्ष तक 451 तालाब, 3330 आहर, 2370 पईन, 4697 सोख्ता, 99 चेक डैम और लगभग 2858000 वृक्षारोपण का कार्य कराया गया है। 
           इसी प्रकार लघु जल संसाधन विभाग द्वारा भी जिलान्तर्गत 75 तालाब, 33 आहर/पईन, 02 चेक डैम एवं 04 गारलैण्ड ट्रेंच का निर्माण कराया गया है। 
            वर्तमान वित्तीय वर्ष में मनरेगा अन्तर्गत कुल 237 तालाब लिया गया है, जिसमें में 190 तालाब पूर्ण किया जा चुका है। इसी प्रकार आहर की 676 योजनाओं में से 596 तथा पईन की 761 योजनाओं के विरूद्ध 566 योजना पूर्ण किया जा चुका है। 
           जल संचयन के बढ़ावा देने के लिए इस वर्ष सार्वजनिक चापाकल के किनारे 3200 खोख्ता का निर्माण कराया जा रहा है, जिसमें से 2468 योजना पूर्ण हो चुका है। सोख्ता का निर्माण करवाने का उद्देश्य यह है कि जो पानी गिर कर यत्र तत्र बह कर बर्बाद हो रहे, उसे वापस भुगर्व में भेजा जा सके। इसी प्रकार चेक डैम की 76 योजनाओं में से 57 योजना, खेत पोखरी की 320 योजनाओं में से 179 योजना मनरेगा से पूर्ण कराया जा चुका है तथा 6,40,000 वृक्षारोपण की लक्ष्य के विरूद्ध 9,17,000 पौधे लगाये जा चुके हैं। इस वर्ष भी बड़े पैमाने पर वृक्षारोपण कराया गया है। 
        जल-जीवन-हरियाली अंतर्गत जिला में जल संचयन हेतु 75 तालाबों का जीर्णोद्धार कराया गया है, जिसमें खिजरसराय प्रखंड अन्तर्गत होरमा ग्राम पंचायत के ग्राम डेमा में तालाब का जीर्णोद्धार किया गया है, जिससे 2.5 लाख लीटर जल संचयन की क्षमता में बढ़ोत्तरी हुई है तथा इसके आसपास के 70-80 प्रतिशत भूमि की सिंचाई तालाब के जल से किया जायेगा। इसी प्रकार बाराचट्टी प्रखंड में ग्राम जयगीर टोला में अजनिया टॉड में तालाब का निर्माण किया गया है, जिससे लगभग 55 एकड़ भूमि पर सिंचाई किया जा सकता है। इसके अलावा वजीरगंज, डुमरिया एवं अन्य प्रखंडों में भी कई तालाबों का जीर्णोद्धार किया गया है, जिससे उन क्षेत्रों में जल संचयन क्षमता में वृद्धि हुई है। डुमरिया में जल संचय हेतु जिन तालाबों का निर्माण कराया गया है, उनमें प्रमुख हैं:- ग्राम पंचायत काचर में हुस्पेट में छलियती नदी के किनारे सार्वजनिक तालाब का जीर्णोद्धार, ग्राम कुन्दरी में भुनिया टांड में ताला का जीर्णोद्धार, ग्राम कलिसा में पुल के पश्चिम साईड में तालाब का जीर्णोद्धार तथा ग्राम केवला में सार्वजनिक तालाब का जीर्णोद्धार आदि। 
       गया जिला के सुदुर पहाड़ी एवं नक्सल प्रभावित प्रखंड डुमरिया के ग्राम पंचायत भोकहा के ग्राम गनसा में मनरेगा योजना अन्तर्गत 9.46 लाख चेक डैम का निर्माण कराया गया है, जिससे गनसा का लगभग 75 हेक्टर भूमि पर सिंचाई का कार्य किया जा रहा है। इसी प्रकार 22.20 लाख के लागत से डुमरिया प्रखंड के ही ग्राम भदवर में चेक डैम का निर्माण कराया गया है, जिसे लगभग 25 हेक्टर भूमि का सिंचाई हो रहा है। 
         मनरेगा अन्तर्गत इस वर्ष 3200 सोख्ता का निर्माण प्राथमिकता के साथ सार्वजनिक चापाकल के किनारे कराया जा रहा है। इससे व्यर्थ में बर्बाद होने वाले जल को पुनः धरती के अन्दर संचित किया जा सकेगा। इसी प्रकार सभी प्रखंडों में एक-एक छतवर्षा जल संरचना का निर्माण कराया जा रहा है, जिससे  बर्बाद होने वाले वर्षा के जल को संग्रह कर जमीन के अंदर संचित किया जा सकेगा। निश्चित ही उपरोक्त संरचनाओं एवं प्रयासों से भूगर्भ जल स्तर में बढ़ोत्तरी हो सकेगी।