जिले में मक्के की खेती को बढावा हेतु एक दिवसीय प्रषिक्षण कार्यक्रम*

*जिले में मक्के की खेती को बढावा हेतु एक दिवसीय प्रषिक्षण कार्यक्रम*
आज दिनांक 07.12.2023 
रिपोर्टःडीके पंडित
गया। संयुक्त कृषि भवन, बाजार समिति, चंदौती, गया के सभागार में जिले में मक्के की खेती केा बढावा हेतु एक दिवसीय प्रषिक्षण कार्यक्रम संयुक्त निदेषक (षष्य), मगध प्रमंडल, गया की अध्यक्षता में किया गया। पौधा संरक्षण पौधा संरक्षण परामर्श एवं उपादान वितरण योजना वर्ष 2023-24 अन्तर्गत 24 प्रखंडों के 72 पंचायतों में पौधा संरक्षण पठषाला एवं आत्मा गया द्वारा 23 किसान पाठषाला का आयेाजन किया जा रहा है। जिसमें 2375 कृषक प्रषिक्षु के रुप में भाग लेगे। सचिव कृषि विभाग, बिहार, पटना द्वारा भी गया जिले में मक्के की खेती पर बल दिया गया है। आत्मा गया द्वारा पहली बार स्वीट कार्न पर 10 किसान पाठषाला आयोजित किया जा रहा है। मक्का की खेती करने वाले कृषकों को निषुल्क बीज उपलब्ध कराया गया है। साथ ही साथ मक्का की खेती करने वाले कृषकांे को प्रषिक्षत करने के लिए ही आज प्रषिक्षण कार्यक्रम किया जा रहा है। इस प्रषिक्षण कार्यक्रम में छः सत्रों में आयोजित करने वाले किसान पाठषाला बी0टी0म0, ए0टी0म0, एवं कृषि समन्वयक भाग लिये। 
संयुक्त निदेषक, (शष्य), मगध प्रमंडल, गया द्वारा जानकारी दी गयी कि मक्का की खेती से मुनाफा अन्य फसलों की तुलना में ज्यादा होता है। इस कारण इसकी खेती को अधिक से अधिक करने करने हेतु कृषकों के बीच जागरुकता पर बल दिये। साथ ही साथ जलवायु परिवर्तन के अनुकुल खेती करने के लिए किसानों को विषेष ध्यान देने की आवष्यकता है।   
जिला कृषि पदाधिकारी श्री अजय कुमार सिंह द्वारा जानकारी दी गयी की छः सत्रों में पाठषाला का आयोजन किया जा रहा है। सभी बी0टी0म0, ए0टी0म0, एवं कृषि समन्वयक सुचारु रुप से प्रषिक्षण देने का कार्य करेगे। आत्मा द्वारा पहली बार स्वीट कार्न पर खेती पर बल दिया जा रहा है। जो दस प्रखंडों में चलाया जा रहा है। 
मुख्य कृषि वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केन्द्र आमस श्री एस0बी0 सिंह द्वारा मौसम के अनुकुल खेती पर बल दिया गया। 
कृषि वैज्ञानिक श्री देवेन्द्र मंडल द्वारा मक्के की खेती के बारे में विस्तृत चर्चा की गई ।
सहायक निदेषक, पौधा संरक्षण, गया द्वारा मक्का में लगने वाले कीट व्याधि के बारे में जानकारी दी गयी साथ ही साथ छः सत्रों में संचालित पौधा संरक्षण पाठषाला के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी गयी।
कृषि परामर्षी श्री सुदामा सिंह द्वारा मक्के की बुआई जीरो टिलेज मषीन से करने हेतु बल दिया गया।