भागवत कथा का रसपान करने से विकार दूर हो जाते हैं

*भागवत कथा का रसपान करने से विकार दूर हो जाते हैं*

 

खनियाधाना तहसील के ग्राम चमरौआ में बुधने नदी के तट पर स्तिथ ठाकुर बाबा गुटुआ पर चल रही भागवत कथा की दूसरे दिवस की कथा में सुश्री कृष्णा देवी ने कहा कि अम्रत पीने से तो सिर्फ शरीर की आयु में बृद्धि होती तो उसमें विकारो की आयु बढ़ जाती है लेकिन भागवत गीता का रसपान करने से तो हमारे अंदर जो विकार उत्पन्न होते वह दूर हो जाते हैं और ओर हमे मोक्ष की प्राप्ति होती है इसलिए हमें कोई भी काम करते रहते हुए भी ईश्वर का नाम लेते रहना चाहिए उन्होंने कहा कि जब बरसात की एक बूंद सीप के मुंह मे गिरती है तो वह कपूर बन जाती है और सर्प के मुंह मे गिरती है तो जहर बन जाती है और धरती पर गिरते ही कीचड़ का रूप धारण कर लेती है इसलिये हमे संतो की संगत करना चाहिए ताकि हमारा जीवन समाज के काम आए और  हम दूसरे जीवो के दुखों को दूर करने में अपना सहयोग प्रदान कर सके जिससे हमारे ह्रदय में सुख की अनुभूति हो कथा के इस रसपान में भक्त बढ़ चढ़ कर भाग ले रहे हैं और उनके भजनों पर झूमते नजर आते हैं

शिवपुरी ब्यूरो अतुल जैन की रिपोर्ट