* बलिदान दिवस पर याद किए गए राम प्रसाद बिस्मिल, रोशन सिंह एवं अशफाक उल्ला खां *
रिपोर्टः डीकेपंडित
स्वतंत्रता संग्राम के दौरान क्रांतिकारियों के प्रसिद्ध काकोरी ट्रेन एक्शन को लेकर 19 दिसंबर 1927 को गोरखपुर, फैजाबाद और इलाहाबाद की जेलों में शहीद हुए रामप्रसाद बिस्मिल, अफाक उल्ला खां, और रोशन सिंह के शहादत दिवस पर गया के स्थानीय अनुग्रह नारायण रोड स्थित दुबे आश्रम में मनाई गई।
सर्वप्रथम रामप्रसाद बिस्मिल, अफाक उल्ला खां एवं रोशन सिंह के चित्र पर माल्यार्पण के पश्चात् तीनों क्रांतिकारियों, वीर बांकुड़ा के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बिहार प्रदेश कॉंग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह प्रवक्ता प्रो विजय कुमार मिट्ठू, जिला कॉंग्रेस उपाध्यक्ष बाबूलाल प्रसाद सिंह, राम प्रमोद सिंह, प्रद्युम्न दुबे, कॉंग्रेस सेवा दल के अध्यक्ष टिंकू गिरी, बबलू राम, शिव कुमार चौरसिया, श्रवण पासवान, पिंटो चौधरी, अशोक राम, राहुल चंद्र वंशी, सकल देव यादव, आनंद मोहन झा,उदय शंकर पालित, मोहम्मद समद, अहमद राजा खान, विशाल कुमार, मोहम्मद शमीम आदि ने कहा कि आज हम जब " सर फ रो सी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देख ना है, जोर कितना बाजुओं कातिल में है कहते हैं तो क्रांतिकारी राम प्रसाद बिस्मिल की यादे ताजा हो जाती है।
ईन तीनों महान स्वतंत्रता सेनानी जिनकी जीवनी भारत के युवाओं के लिए प्रेरणा श्रोत है, आइकन है, परंतु व्यापक रूप से तीनों क्रांतिवीर की बलिदान दिवस को मनाने की आवश्यकता है।
नेताओं ने सरकार से 19 दिसंबर को देशभर के शैक्षणिक संस्थानों , सरकारी कार्यालयों, के साथ, साथ संपूर्ण देश में घर, घर, जन जन में मनाने की आवश्यकता है।