जीबीएम कॉलेज की एनएसएस ईकाई द्वारा नशामुक्ति हेतु 'संजीवनी क्लब' का निर्माण

*जीबीएम कॉलेज की एनएसएस ईकाई द्वारा नशामुक्ति हेतु 'संजीवनी क्लब' का निर्माण*

*-'नशे की लत से दूर रहें युवा': प्रधानाचार्य*

गया। बिहार में गौतम बुद्ध महिला कॉलेज की एनएसएस की स्वयंसेविकाओं ने नशामुक्त भारत अभियान के तहत प्रधानाचार्य प्रो (डॉ) जावेद अशरफ, प्रो(डॉ) किश्वर जहाँ बेगम, पूर्व एनएसएस पदाधिकारी डॉ शगुफ्ता अंसारी तथा कॉलेज की जन संपर्क अधिकारी-सह-मीडिया प्रभारी डॉ कुमारी रश्मि प्रियदर्शनी के संयुक्त निर्देशन एवं उपस्थिति में नशा मुक्त भारत बनाने हेतु शपथ लिया। एम यू द्वारा जीबीएम कॉलेज से नशा मुक्ति हेतु चयनित स्वयंसेविका नमन्या रंजन, मोनिका मेहता, ईशा शेखर, रिया कुमारी तथा सपना कुमारी ने कॉलेज की एनएसएस टीम का नेतृत्व करते हुए नशा मुक्त समाज बनाने हेतु 'हम युवाओं ने यह ठाना है, नशा मुक्त भारत बनाना है', 'बीड़ी, सिगरेट और तंबाकू, स्वास्थ्य संपदा के हैं डाकू', 'नशे की सबसे बड़ी मार, बर्बाद करे सुखी-संपन्न परिवार' आदि नारे लगाए। स्वयंसेविकाओं ने कॉलेज में उपस्थित छात्राओं को तथा आस-पड़ोस के लोगों को नशे की लत के दुष्परिणामों से रूबरूं करवाया। मोनिका ने अपने संबोधन में कहा कि 'रोको यह गृह-क्लेश, यह मार-पिटाई, अब तो छोड़ दो नशे की यह लत भाई।' नमन्या ने कहा कि हमें किसी भी तरह के झांसे में नहीं आना है, देश को नशाखोरी से बचाना है। इस अवसर पर कॉलेज में नशा मुक्ति अभियान को सक्रियता के साथ आगे बढ़ाने हेतु 'संजीवनी क्लब' की स्थापना की गयी। प्रधानाचार्य ने इस क्लब के निर्माण पर खुशी जताते हुए कहा कि नशा समाज में अनेक अपराधों को बढ़ावा देता है, अतः युवा नशे की लत से दूर रह कर अपनी ऊर्जा को देश की प्रगति तथा स्वस्थ समाज के  निर्माण में लगाएँ। प्रो जहाँ और डॉ अंसारी ने छात्राओं की हौसलाअफजाई करते हुए संजीवनी क्लब के सदस्यों को हार्दिक बधाइयां दीं। डॉ रश्मि ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि नशे की आदत व्यक्ति के तन-मन-धन और संपूर्ण जीवन को नष्ट कर डालती है, अतः छात्राएँ खुद भी सावधान रहें तथा दूसरों को भी सावधान करें, तभी हमारा देश एवं समाज नशामुक्त हो सकता है। इस अवसर पर एन एस एस की अन्य छात्राओं ने भी अपने विचार रखे।