आजाद पार्क स्थिति देशबंधु चितरंजन दास की प्रतिमा के समक्ष कॉंग्रेस पार्टी की 139 वीं स्थापना दिवस पर 139 मोमबत्तियां जला कर संकल्प लिया *

 आजाद पार्क स्थिति देशबंधु चितरंजन दास की प्रतिमा के समक्ष कॉंग्रेस पार्टी की 139 वीं स्थापना दिवस पर 139 मोमबत्तियां जला कर संकल्प लिया 
रिपोर्टः डीकेपंडित।
         आज भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की 139 वें स्थापना दिवस पर कॉंग्रेस पार्टी की 1922 में गया के हुए राष्ट्रीय अधिवेशन की अध्यक्षता करने वाले महान स्वतंत्रता सेनानी, विद्वान अधिवक्ता,  देशबंधु चितरंजन दास की प्रतिमा के समक्ष 139 मोमबत्तियां जला कर  कॉंग्रेस  जनों ने संकल्प लिया ।
        इस अवसर पर उपस्थित बिहार प्रदेश कॉंग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह प्रवक्ता प्रो विजय कुमार मिट्ठू, दामोदर गोस्वामी, पूर्व वार्ड पार्षद शशि किशोर शिशु, जिला कॉंग्रेस उपाध्यक्ष बाबूलाल प्रसाद सिंह, राम प्रमोद सिंह, लू ल न  सिंह,  रविन्द्र कुमार सिंह, श्रवण पासवान, शिव कुमार चौरसिया, शशि कांत सिन्हा, विपिन बिहारी सिन्हा, कुंदन कुमार आदि ने कहा कि हम गया के कॉंग्रेस जनों को गर्व है कि देश को आजादी दिलाने से लेकर आधुनिक भारत के निर्माण करने वा ली कॉंग्रेस पार्टी के 139 वर्षो के गौरवशाली इतिहास में गया के केन दुई गांव में 1922 में कॉंग्रेस पार्टी के हुए राष्ट्रीय अधिवेशन का इतिहास संजोए हुए है।
         नेताओं ने देश की एकता, अखण्डता, धर्मनिरपेक्षता, सर्वधर्म समभाव, संविधान,  लोकतंत्र को सशक्त बनाने का संकल्प दुहराया।
              नेताओं ने कहा 1922 के महाधिवेशन में गया में जिस रास्ते कॉंग्रेस के शीर्ष नेता गया स्टेशन से केन दुई गांव गए थे उस रास्ते का गया में  नाम स्वराज पुरी रोड है  एवं केन दुई  गांव का  नाम स्वराज पुरी केन दुई है,  तो गया के ऐतिहासिक आजाद पार्क जिसे ब्रिटिश हुकूमत के  वक्त ब्रिटिश पार्क तथा अपभ्रंश में बिडिंग पार्क भी कहते थे आजादी के बाद इस पार्क का नाम आजाद पार्क हुआ तथा इस पार्क में सन 1922 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी के महाधिवेशन में अध्यक्षता करने वाले भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष देशबंधु चितरंजन दास की प्रतिमा स्थापित भी स्थापित है।
      नेताओं ने कहा कि गया के स्थानीय कॉंग्रेस पार्टी कार्यालय राजेंद्र आश्रम जिसमें देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद जी  भी ठहरते थे तथा बिहार के उप मुख्यमंत्री अनुग्रह नारायण सिंह भी यही रहते थे,  जिसे आज भी धरोहर के रूप में गया में मुख्य कॉंग्रेस कार्यालय का नाम राजेंद्र आश्रम 1934 अंकित है,  तो दूसरे भवन का  नाम अनुग्रह विश्रामालय लिखा है,  जो गया में कॉंग्रेस पार्टी की 139 वीं वर्षगांठ पर यादो को ताजा कराती  है।