लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 के द्वितीय अपील के तहत ज़िला पदाधिकारी, गया श्री अभिषेक सिंह द्वारा आज कुल 27 मामलों की सुनवाई

लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 के द्वितीय अपील के तहत ज़िला पदाधिकारी, गया श्री अभिषेक सिंह द्वारा आज कुल 27 मामलों की सुनवाई 
             गया, 26 फरवरी, 2021, 
रिपोर्टः 
दिनेश कुमार पंडित
गया (बिहार )
लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम, 2015 के द्वितीय अपील के तहत ज़िला पदाधिकारी, गया श्री अभिषेक सिंह द्वारा आज कुल 27 मामलों की सुनवाई की गई, जिसमें से कुछ मामलों का निष्पादन ऑन द स्पॉट किया गया। 
             अपीलार्थी अशोक प्रसाद, टिकारी द्वारा टिकारी अनुमंडल अंतर्गत संचालित अवैध आरा मिलों पर कार्रवाई हेतु आवेदन दिया गया था, जिसपर जिलाधिकारी ने वन प्रमंडल पदाधिकारी, गया को स्थलीय जांच कर प्रतिवेदन देने का निर्देश दिया था। जांचोपरांत टिकारी अनुमंडल अंतर्गत 18 अवैध आरा मिल पाया गया है, जिसपर जिलाधिकारी ने सभी अवैध आरा मिलों को हटाने का आदेश दिया। वन प्रमंडल पदाधिकारी के द्वारा 18 अवैध आरा मिलो को हटा दिया गया है।
             अपीलार्थी चंदन सिंह, वजीरगंज द्वारा परवाना की भूमि दिलाने हेतु आवेदन दिया गया था, जिसपर जिलाधिकारी ने स्थलीय जांच कर इनके भूमिहीन होने का प्रमाण से संबंधित जांच के लिए अंचलाधिकारी वजीरगंज को निर्देश दिया था। जांचोपरांत अंचलाधिकारी, वजीरगंज द्वारा बताया गया कि परवाना इन्हें मिला था, परंतु यह दखल कब्जा में नहीं थे एवं अन्य द्वारा उसी भूमि पर पर्चा लेते हुए दखल कब्जा में रह रहे थे। इसे देखते हुए जिलाधिकारी ने भूमिहीन होने पर इन्हें भी जमीन चिन्हित करते हुए पर्चा निर्गत करने का आदेश अंचलाधिकारी, वजीरगंज को दिया। आज सुनवाई में अनुमंडल पदाधिकारी, सदर ने बताया कि श्री चंदन सिंह को भूमि का पर्चा उपलब्ध करा दिया गया है, जिसपर वह आवासीय मकान बनाकर रह सकते हैं।
             अपीलार्थी बाबू लाल यादव, गुरुआ द्वारा भूमि को अतिक्रमणमुक्त कराने हेतु आवेदन दिया गया है, जिसमें जिलाधिकारी ने अनुमंडल पदाधिकारी एवं अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, टिकारी को अंचल अधिकारी, गुरुआ के साथ पुलिस बल एवं मजिस्ट्रेट उपलब्ध कराते हुए भूमि को अतिक्रमणमुक्त कराने का निर्देश दिया।
             अपीलार्थी राहुल यादव व अन्य द्वारा सरकारी योजना की राशि गबन के संबंध में आवेदन दिया गया था, जिसपर जिलाधिकारी ने प्रखंड विकास पदाधिकारी, डुमरिया से जवाब मांगा। प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा संतोषप्रद जवाब नहीं दिए जाने के कारण उनपर रु 500 का जुर्माना लगाते हुए वरीय पदाधिकारी, डुमरिया एवं प्रखंड विकास पदाधिकारी, डुमरिया को संयुक्त रूप से जांच कर प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।