टार्जन फ़िल्म की तरह घर पर खड़ी कार देती है घटनाओं को अंजाम

टार्जन फ़िल्म की तरह घर पर खड़ी कार देती है घटनाओं को अंजाम

- रिटायर्ड पटवारी ने पुलिस अधीक्षक से लगाई मदद की गुहार

- अन्य राज्य की पुलिस देती है दविश, गाड़ी की करती है पूछताछ

- कार मालिक करना चाहता है कार को पुलिस के सपुर्द

फिल्मों में आपने देखा होगा कि कार घटना को अंजाम दे आती है और कार मालिक को मालूम ही नहीं पड़ता, जब पुलिस उसके घर उससे पूछताछ के लिए जाती है तब कार मालिक का कहना होता है कि मेरी कार तो घर पर ही खड़ी थी फिर मेरी कार ने किसी बारदात को अंजाम कैसे दिया।

कुछ ऐसा ही मामला शिवपुरी जिले से प्रकाश में आया है जहां एक कार मालिक को दो माह के भीतर एक नहीं तीन तीन बार पुलिस ने पूछताछ के लिए आधीरात को खड़खड़ा दिया और कार मालिक से घंटो तक उनकी कार द्वारा जो घटनाओं को अंजाम दिया है उसके बारे में पूछताछ की गई। जिससे परेशान होकर कार मालिक अब अपनी कार को पुलिस के सपुर्द करना चाहता है।

शिवपुरी शहर के नवाब साहब रोड पर रहने वाले रिटायर्ड पटवारी व उनके बेटे काे बिना वजह परेशानी के दौर से गुजरना पड़ रहा है। दरअसल रिटायर्ड पटवारी जगदीश श्रीवास्तव के नाम से क्रमांक एमपी33 सी4658 से मारुति की स्विफ्ट कार है। बदमाशों ने इस गाड़ी की नंबर प्लेट लगाकर कई जगह वारदात की घटनाओं को अंजाम दिया है। गाड़ी नंबर सामने आते ही पुलिस हर बार रिटायर्ड पटवारी व उनके बेटे के घर पहुंच जाती है। ऐसा एक बार नहीं बल्कि तीन बार हो चुका है।
रिटायर्ड पटवारी जगदीश श्रीवास्तव ने पुलिस अधीक्षक को आवेदन देकर अपनी व्यथा बताई है। हालत यह हो गई है कि हर बार पुलिस की पूछताछ से बचने के लिए शिक्षक अपनी कार को पुलिस की सुपुदर्गी में देने की बात कह रहे हैं। ताकि यह सिद्ध हो सके कि उनकी कार की नंबर प्लेट लगाकर दूसरे लोग आपराधिक घटना कर रहे हैं। सबसे पहले फिजिकल थाने का मामला सामने आया, फिर ग्वालियर पुलिस दबिश देने आई थी। कुछ दिन पहले आगरा पुलिस ने सिटी कोतवाली पुलिस की मदद से घर आकर पूछताछ की और थाने तक ले गए।

वहीं शिवपुरी पुलिस मामले की बारीकी से जांच करने की बात कर रही है।

वाइट - पवन श्रीवास्तव
(पुत्र रिटायर्ड पटवारी)

वाइट - प्रवीण कुमार भूरिया
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक
शिवपुरी