आयुक्त मगध प्रमंडल गया, श्री मयंक बरबड़े की अध्यक्षता में मगध प्रमंडल से जुड़े सभी जिला पदाधिकारियों के साथ राजस्व, विकास योजनाएं, जल जीवन हरियाली, विद्यालय निर्माण, शिक्षा की स्थिति, पेयजल क

आयुक्त मगध प्रमंडल गया, श्री मयंक बरबड़े की अध्यक्षता में मगध प्रमंडल से जुड़े सभी जिला पदाधिकारियों के साथ राजस्व, विकास योजनाएं, जल जीवन हरियाली, विद्यालय निर्माण, शिक्षा की स्थिति, पेयजल की स्थिति, अस्पताल की स्थिति, अस्पताल में दी जाने वाली सुविधाओं की समीक्षा, 
गया 13 मार्च 2021- 
रिपोर्ट.. डीके पंडित ।
बिहार के जिला गया.में 
आयुक्त मगध प्रमंडल गया, श्री मयंक बरबड़े की अध्यक्षता में मगध प्रमंडल से जुड़े सभी जिला पदाधिकारियों के साथ राजस्व, विकास योजनाएं, जल जीवन हरियाली, विद्यालय निर्माण, शिक्षा की स्थिति, पेयजल की स्थिति, अस्पताल की स्थिति, अस्पताल में दी जाने वाली सुविधाओं की समीक्षा, ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों के सड़कों के निर्माण एवं मरम्मती, मनरेगा अंतर्गत योजनाओं एवं वृक्षारोपण एवं श्रमिकों को रोजगार की समीक्षा, खनन, परिवहन, विभिन्न विभागों द्वारा आंतरिक संसाधनों से संबंधित समीक्षा, निबंधन, ऑनलाइन दाखिल खारिज, भू-लगान की वसूली, विभिन्न परियोजनाओं के लिए भू-अर्जन की समीक्षा, लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान अंतर्गत शौचालय का निर्माण एवं उसका उपयोग, प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण, प्रमण्डल के जिलों में पेयजल की स्थिति सहित अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं की समीक्षा विस्तार से की गई।
बैठक में आयुक्त द्वारा वन क्षेत्रों में विकास योजनाओं हेतु भूमि उपलब्धता की समीक्षा की गई। सभी जिला पदाधिकारी ने बताया कि वन क्षेत्रों में सड़क एवं विकास योजनाओं के निर्माण हेतु काफी समस्या आ रही है। राज्य स्तर पर प्रस्ताव भेजने के बावजूद स्वीकृति मिलने में काफी विलंब होता है। आयुक्त ने आश्वासन दिया कि वह अपने स्तर से इसे देखेंगे। जिला पदाधिकारी, गया ने बताया कि वन क्षेत्रों में अफीम की खेती को समाप्त करने तथा वैकल्पिक फसल के रूप में लेमन ग्रास की खेती करने पर जोर दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मोहनपुर प्रखंड मुख्यालय वन क्षेत्र होने के कारण प्रखंडों के नए ढंग से निर्माण करने में कठिनाई उत्पन्न हो रही है। साथ ही वन क्षेत्रों/पहाड़ों पर पर्यावरण सुरक्षा संबंधी योजनाएं आवश्यक है। जिला पदाधिकारी जहानाबाद द्वारा बताया गया कि वाणावर की पहाड़ियों में Eco Park बनाने का प्रस्ताव है, परंतु वन विभाग से स्वीकृति मिलने में विलंब हो रहा है। आयुक्त द्वारा आंतरिक संसाधन की समीक्षा करते हुए निबंधन, वाणिज्यकर, परिवहन, खनन, माप-तौल दाखिल खारिज इत्यादि विभागों द्वारा संबंधित कार्य तथा राजस्व प्राप्ति की समीक्षा की गई।
 संयुक्त आयुक्त वाणिज्यकर द्वारा बताया गया कि संपूर्ण प्रमंडल का माह फरवरी तक 61.96% राजस्व प्राप्त हुआ है। गया में 63.31% राजस्व प्राप्त हुआ है।
संयुक्त आयुक्त वाणिज्यकर द्वारा बताया गया कि मगध क्षेत्र में 6366 स्टॉक डीलर है। आयुक्त ने निर्देश दिया कि राजस्व में वृद्धि हेतु इस माह के अंत तक विशेष अभियान चलावें।
 निबंधन के संबंध में बताया गया कि 2020-21 में 443 करोड़ के विरुद्ध 331.21 करोड़ की वार्षिक राजस्व की प्राप्ति हुई है, जो 74.77% है। संयुक्त आयुक्त द्वारा बताया गया कि एम०वी०आर० की समीक्षा की काफी आवश्यकता है। 
परिवहन विभाग अंतर्गत राजस्व की समीक्षा के अंतर्गत बताया गया कि प्रमंडल में 20200 लक्ष्य के विरूद्ध 15448.84 राजस्व प्राप्त हुआ है जो कि  78.71% है। गया में 9400  लक्ष्य के विरुद्ध 6798.47 जो कि लक्ष्य का 72.32% है।

खनन की समीक्षा के अंतर्गत 387 लक्ष्य के विरुद्ध 261 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है,जो कि 65.69% है।
आयुक्त द्वारा निर्देश दिया गया कि खनन क्षेत्र में बालू माफिया पर अभियान चलाकर छापामारी करने साथ ही पुलिस एवं खनन विभाग द्वारा समन्वय स्थापित कर बालू माफिया पर  शिकंजा कसने का निर्देश दिया गया है।
 बैठक में मापतौल की समीक्षा के अंतर्गत निर्देश दिया गया है कि वह कैंप लगाकर बटखरों इत्यादि की जांच कराएं तथा राजस्व वसूली में वृद्धि करें।

बैठक में भू-लगान, शेष मांग एवं वसूली की समीक्षा के अंतर्गत अंतर्गत बताया गया कि अबतक 19.75%  भू लगान की वसूली की गई है। ऑनलाइन दाखिल खारिज के अंतर्गत गया जिला में प्राप्त आवेदन 163002 के विरुद्ध 1242 32 आवेदनो का निष्पादन किया गया है, जो 76.11% है।  ऑनलाइन दाखिल खारिज में गया की अच्छी स्थिति है। आयुक्त द्वारा राजस्व से संबंधित आधुनिक डाटा सेंटर के निर्माण की समीक्षा की गई। जिला पदाधिकारी गया द्वारा बताया गया कि गया जिले में डाटा सेंटर का निर्माण कराया गया है। जहां अंचल स्तरीय भूमि संबंधी सभी कागजातों को एक ही जगह पर उपलब्ध कराई जाएंगी।

 बैठक में ऑपरेशन दखल देहानी, अभियान बसेरा, विभिन्न परियोजनाओं के लिए भू-अर्जन की समीक्षा की गई। जिला पदाधिकारी गया द्वारा बताया गया कि डोभी प्रखंड अंतर्गत 2000 एकड़ भूमि का चयन कर इंडस्ट्रियल हब बनाने हेतु प्रस्ताव राज्य को भेजा गया है।

आयुक्त द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं, पेयजल, सरकार के सात निश्चय कार्यक्रम, मनरेगा, प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना, अनुसूचित जाति एवं महादलित टोला में सामुदायिक भवन का निर्माण सहित अन्य योजनाओं की समीक्षा विस्तार से की गई। बैठक में संस्थागत प्रसव की समीक्षा के क्रम में सभी जिला पदाधिकारियों द्वारा बताया गया कि अब अधिकतर महिलाओं का प्रसव अस्पताल में ही हो रहा है। आयुक्त ने सिविल सर्जन को निर्देश दिया कि निजी अस्पतालों में भी होने वाले प्रसवों की संख्या को भी शामिल करें। उन्होंने प्रमंडल स्तर पर अस्पतालों की स्थिति, चिकित्सक एवं चिकित्सा कर्मियों की संख्या इत्यादि से संबंधित जानकारी प्राप्त किया।
 सात निश्चय कार्यक्रम की समीक्षा के अंतर्गत स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड के संबंध में बताया गया कि जहानाबाद में कुल लक्ष्य 91.20% तथा गया में कुल लक्ष्य का 89.11% उपलब्धि प्राप्त किया गया है।  प्रमंडल के सभी जिलों में गली नाली का निर्माण सभी वार्डों में किया गया है। लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान सभी जिलों में शत-प्रतिशत उपलब्धि प्राप्त की गई है। जल जीवन हरियाली के अंतर्गत जल स्रोतों का अतिक्रमण मुक्त करने संबंधी समीक्षा के क्रम में बताया कि गया तथा जहानाबाद में शत-प्रतिशत उपलब्धि प्राप्त की गई है।  मनरेगा योजना में 90.16 लाख मानव दिवस सृजित किया गया है तथा  52.88% योजना पूर्ण किया गया है।  वृक्षारोपण के क्षेत्र में गया जिला द्वारा 321.61 प्रतिशत उपलब्धि प्राप्त कर बिहार में सबसे अधिक वृक्षारोपण किया गया है। 

 प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण की समीक्षा के क्रम में गया कि 2019-20 में गया जिले में 13731 आवास पूर्ण किया गया है, इसी प्रकार जहानाबाद में 5846 आवास, औरंगाबाद में 20590 आवास पूर्ण किया गया है। 

ग्रामीण सड़कों की स्थिति के संबंध में जिला पदाधिकारी, गया द्वारा बताया गया कि प्रखंड तथा गांवों को जोड़ने वाली सड़क की स्थिति अच्छी नहीं है।  इन सड़कों की मरम्मती की आवश्यकता है, परंतु जिले से प्रस्ताव भेजने के बावजूद राज्य स्तर पर कार्य में विलंब हो रहा है। आयुक्त ने आश्वासन दिया कि इस समस्या को वे देखेंगे।

 बैठक में मुख्य रूप से पेयजल पर विशेष चर्चा की गई। सभी जिला पदाधिकारीयों  द्वारा बताया गया कि प्रमण्डल के किसी जिले में पेयजल की समस्या अभी नहीं है, परंतु गर्मी बढ़ने के कारण पेयजल की समस्या उत्पन्न हो सकती है। अधीक्षण अभियंता पी०एच०ई०डी० द्वारा बताया गया कि गया में 16.3 फीट वाटर लेवल  मापी की गई है। गया में 150 चापाकल तथा अरवल में 75 चापाकल स्वीकृत किया गया है। साथ ही चापाकल की मरम्मत हेतु संपूर्ण जिला में चापाकल मरम्मत्ती दल को भेजा गया है। नियमित रूप से जल स्तर की जांच की जा रही है। जिला पदाधिकारी ने पी०एच०ई०डी० एवं पंचायती राज विभाग को निर्देश दिया कि वे कॉल सेंटर में आने वाली समस्याओं का निराकरण तेजी के साथ करावें।

 बैठक में गया, औरंगाबाद, नवादा, जहानाबाद तथा  अरवल के सभी जिला पदाधिकारी, सभी उप-विकास आयुक्त, सभी अपर समाहर्तागण, अधीक्षण अभियंतागण, सभी सिविल सर्जन, कार्यपालक अभियंता पी०एच०ई०डी०, सड़क निर्माण ,  संयुक्त आयुक्त वाणिज्यकर, खनन पदाधिकारी, संयुक्त आयुक्त सह सचिव, मगध क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार,जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी,जिला भू-अर्जन पदाधिकारी, सहित अन्य पदाधिकारियों ने बैठक में भाग लिया।