बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ( गोपगुट) ने  21 सूत्री मांगों को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री एवं जिला पदाधिकारी औरंगाबाद को लिखा पत्र

औरंगाबाद :- बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ (गोपगुट) ने 21 सूत्री मांगों को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं औरंगाबाद के जिला पदाधिकारी को पत्र लिखकर बिहार के शिक्षकों की समस्याओं की मांगों पर  शीघ्र निजात दिलाने की मांग किया है l इस संबंध में बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ गोप गुट औरंगाबाद के जिला प्रभारी नवल किशोर ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि विभाग की लापरवाही के कारण नवनियुक्त शिक्षक के हालत दयनीय हो चुका है l वहीं दूसरी तरफ बिहार के शिक्षक बुनियादी समस्याओं से जूझ रहा है l उन्होंने आगे कहा कि बिहार के सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय में रिश्वतखोरी चरम सीमा पर है l शिक्षकों के आवेदन का निष्पादन नहीं हो रहा है l  माध्यमिक शिक्षकों की भांति सुनिश्चित वृति का उन्नयन का आदेश निर्गत हेतु संचिका कैबिनेट की बैठक में नहीं रखे जाने के कारण शहरी निकाय सुल्तानगंज ,दाउदनगर सहित कई स्थानों को नियोजित शिक्षकों के वेतन का भुगतान हेतु प्राप्त आवंटन उपलब्ध नहीं कराया गया l जिसका परिणाम है कि शहरी निकाय के अंतर्गत पदस्थापित नियोजित शिक्षकों का वेतन भुगतान नहीं हो रहा है l जारी विज्ञप्ति में आगे कहा है कि फरवरी 2020 सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर जिला संवर्ग के अंतर्गत लेवल 6 में प्राथमिक शिक्षकों की नियुक्ति हुई lपरंतु आज तक इनका वेतन भुगतान प्रमाण पत्र के सत्यापन नहीं होने के कारण प्रारंभ नहीं हो सका l जबकि प्रमाण पत्र के सत्यापन की जिम्मेवारी शिक्षा विभाग की है l  उन्होंने आगे कहा कि नियोजित शिक्षकों को समान काम के लिए समान वेतनमान एवं सुविधाएं दी जाए l माध्यमिक शिक्षकों की भांति प्राथमिक शिक्षकों को भी सुनिश्चित वृति का उन्नयन (10 वर्ष 20 वर्ष एवं 30 वर्ष )का लाभ हेतु यथाशीघ्र आदेश निर्गत किया जाए  lस्थानीय निकायों द्वारा नियुक्त शिक्षकों को राज्य कर्मी का दर्जा दिया जाए ,और इनके uan( Universal account number) को pran( permanent retirement account number) में स्थानांतरित किया जाए  l वरीय एवं   प्रवरण वेतनमान की प्रोन्नति को प्रोन्नति की तिथि से अकार्यात्मक प्रोन्नति का दर्जा दिया जाए l गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए छात्र शिक्षक के निर्धारित अनुपात में शिक्षकों की नियुक्ति की जाए l 1991 नियमावली के तहत नियुक्त सभीउच्च योग्यताधारी अप्रशिक्षित शिक्षकों को नियुक्ति की तिथि से प्रशिक्षित वेतनमान दिया जाए l प्राथमिक शिक्षक की नियुक्ति के लिए जिला स्तर पर और माध्यमिक शिक्षकों की नियुक्ति के लिए राज्य स्तर पर नियुक्ति इकाई गठित की जाए l स्थानीय निकाय द्वारा नियुक्त शिक्षकों का ऐच्छिक स्थानांतरण नियोजन इकाई के बाहर करने का आदेश निर्गत किया जाए l शहरी निकाय समेत सभी स्थानीय निकायों को शिक्षकों के वेतन एवं बकाया वेतन भुगतान हेतु पर्याप्त राशि आवंटित किया जाए l मध्य विद्यालय में कार्यरत प्रधानाध्यापकों को वरीयता के आधार पर अवर शिक्षा सेवा में प्रोन्नति दी जाए l प्रखंड स्तर से लेकर सचिवालय स्तर तक शिक्षकों के आवेदन का निष्पादन हेतु समय सीमा तय की जाए l जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय के कार्यों की समीक्षा एवं जांच  उच्च अधिकारियों द्वारा नियमित रूप से की जाए l स्थानीय निकाय द्वारा नियुक्त शिक्षकों को स्नातक ग्रेड एवं प्रधानाध्यापक के पद पर प्रोन्नति हेतु आदेश निर्गत की जाए lयोजना एवं गैर योजना संवर्ग का एक साथ मर्ज कर सब का वेतन भुगतान कोषागार से किया जाए l प्रत्येक मध्य विद्यालय में लिपिक ,आदेशपाल ,स्वीपर, मध्यान भोजन प्रबंधक एवं पुस्तकालयअध्यक्ष की नियुक्ति की जाए l जिला संवर्ग के स्नातक (प्रशि0)  शिक्षक एवं प्रधानाध्यापक का अंतर जिला स्थानांतरण का आदेश निर्गत किया जाए l सीआरसीसी एवं बीआरपी के पदों पर नियुक्ति की जाए lऔर इन पदों पर कार्यरत शिक्षकों को मूल्य विद्यालय में अभिलंब भेजा जाएl नई पेंशन योजना को समाप्त कर पुरानी पेंशन योजना का लाभ सभी कोटि के शिक्षकों को दी जाए l बीपीएससी के अनुशंसा पर नियुक्त शिक्षकों को बिहार शिक्षा सेवा के कैडर में प्रोन्नति दी जाए l नगर निगम में कार्यरत शिक्षकों को सरकारी प्रधान के अनुकूल शहरी भत्ता दी जाएl सभी तरह की  प्रोन्नति पर लगी रोक को अविलंब वापस लिया जाए l संबंधित मांग पत्र को दी गई है l अब देखना है कि बिहार के मुख्यमंत्री एवं औरंगाबाद के जिला पदाधिकारी जारी विज्ञप्ति के पत्रांक-  एक दिनांक 25 .03 .2021 के आलोक में क्या करवाई कर पाते हैं lयह तो आने वाला वक्त बताएगा l लेकिन मांग पत्र प्रस्तुत करने के बाद सबकी निगाहें बिहार के मुख्यमंत्री एवं जिला पदाधिकारी औरंगाबाद पर टिकी है l