महात्मा फुले ने अगर अपने अथक परिश्रम द्वारा शूद्रों - अतिशुद्रों के लिए शिक्षा का द्वार नहीं खोला होता तो हिन्दुस्तान को अम्बेडकर जैसा समाज-सुधारक और विद्वान भी  नहीं मिला होता  

अजय कुमार पांणडेय औरंगाबाद:- ( बिहार ) दाउदनगर अनुमंडल स्थित माली टोला के फुले  नगर में *महात्मा ज्योतिबा फुले चेतना परिषद के तत्वावधान में आयोजित एक श्रद्धांजलि सभा का आयोजन में संबोधित करते हुए परिषद  अध्यक्ष सत्येन्द्र कुमार ने कहा कि आज का पिछड़ा तथा दलित समाज का प्रत्येक व्यक्ति एवं सभी श्रेणी की स्त्रियां महात्मा ज्योतिबा फुले के ऋणी हैं! क्योंकि आज उक्त श्रेणियों का जो कोई भी व्यक्ति समाज में पढ़ा - लिखा हुआ नजर आ रहा है!  वह महात्मा फुले के प्रयत्नों का ही सुफल है! श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए भाकपा (माले) नगर कमिटी सदस्य बिरजू चौधरी ने कहा कि महात्मा ज्योतिबा फुले के सपनों का हिन्दुस्तान बनाने के लिए यह जरूरी है कि देश में 'समान शिक्षा व्यवस्था' लागू हो ताकि एक भंगी का बच्चा भी उसी विद्यालय में पढ़े!  जहां अमीरों के बच्चे पढ़ते हों। अमीरों और गरीबों के लिए बनी आज की अलग - अलग शिक्षा व्यवस्था को बिना समाप्त  बिना ज्योतिबा फुले का सपना पूरा नहीं हो सकता। कार्यक्रम में मौजूद लोगों को संबोधित करते हुए खेत मजदूर सभा के जिला सचिव राजकुमार भगत ने कहा कि जिस तरह से महात्मा ज्योतिबा फुले के जमाने में गरीब - शूद्रों और स्त्रियों को ब्राम्हणवादी सत्ता जबरदस्ती पढ़ने - लिखने से रोक देती थी! उसी तरह से आज भी वही ब्राम्हणवादी - फासीवादी सत्ता शिक्षा को महंगा बनाकर गरीब - शूद्रों और स्त्रियों को अप्रत्यक्ष ढंग से शिक्षा हासिल करने से रोक रही है! क्योंकि आज के हालात में उन्हें सीधे - सीधे जबरदस्ती रोक पाना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि आज हमें इस षडयंत्र को समझना होगा और देश के अंदर 'समान शिक्षा व्यवस्था' के लिए अपनी लड़ाई तेज करनी होगी! इस श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए दाऊदनगर के पूर्व चेयरमैन- धर्मेन्द्र कुमार ने कहा कि जिस तरह से 'आर्थिक सुधार' के नाम पर इस देश की अर्थव्यवस्था को बर्बाद किया गया तथा श्रम-सुधार' के नाम पर इस देश के मजदूरों का बर्बर शोषण करने वाला कानून पास किया गया है! ठीक उसी तरह से इस देश की बची - खुची सरकारी शिक्षा-व्यवस्था को नष्ट करने के जरिए गरीबों को शिक्षा से वंचित करने के लिए शिक्षा सुधार के नाम पर 'नई शिक्षा नीति' बनाई गई है! जिसे खत्म करके शिक्षा व्यवस्था में आमूल बदलाव करवा देना आज का सबसे बड़ा जरूरी कार्यभार है। इसके अलावे इस श्रद्धांजलि सभा को शिक्षक नेता सुरेन्द्र सिंह,  संजय कुमार, सिंह, सुनील कुमार प्रजापति, बिनोद भगत, ,शहीद - ए - आजम भगत सिंह सामाजिक विकास संस्थान,दाऊदनगर अध्यक्ष कृष्णा प्रसाद चंद्रवंशी, मो0 कयूम अंसारी एवं  एवं अन्य लोगों ने भी  संबोधित किया । इस अवसर पर उपस्थित लोगों में मुखदेव भगत, ,मुनारिक सिंह यादव, रविशंकर कुमार, ,धर्मेन्द्र कुमार, अंशु कुमारी, रीति कुमारी, कृष्णानंद किशोर, लालू भगत, कालू भगत, विवेक सैनी, ,सुषमा सैनी, सुशील कुमार, निखिल कुमार, विकास कुमार यादव, नरसिंह चौहान,इत्यादि भी मौजूद रहे।
बैठक की अध्यक्षता परिषद अध्यक्ष सत्येन्द्र कुमार ने की तथा सभा 11 अप्रैल 2021 को देर शाम तक चली।