शोषण से छुटकारा दिलाता है अर्जक रीति:पथिक -रामप्रसाद मेहता की मृत्योपरांत अर्जक रीति से हुई शोकसभा

बाराचट्टी(गया),12 अप्रैल। प्रखंड के भगहर में रामप्रसाद मेहता की मृत्योपरांत वैदिक रीति को नकारकर पूर्व मुखिया राजेन्द्र मेहता की अध्यक्षता में अर्जक पद्धति से शोकसभा का आयोजन आज सम्पन्न हो गया। सभा को संबोधित करते हुए संघ के वरिष्ठ नेता और सांस्कृतिक समिति के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र पथिक ने कहा कि साहसी आदमी ही अर्जक रीति रिवाज को अपनाता है।  अर्जक रीति में आत्मा की शांति के लिए शोकसभा का आयोजन नही किया जाता क्योंकि आत्मा, पुनर्जन्म ,बैतरनी,स्वर्ग- नरक काल्पनिक है। और कई पोथी में काल्पनिक कथाओं के जरिए लोगों को बेवकूफ बनाकर कर्मकांड में फंसाकर ठगा जाता रहा है। श्राद्ध की पुरानी व्यवस्था शोषण और ठगी पर आधारित है।इसे नकारकर अर्जक संस्कृति को अपनाना ही श्रेयस्कर है।
सभा को संबोधित करते हुए संघ के बिहार प्रदेश महामंत्री राजेंद्र सिंह अधिवक्ता ने कहा कि ब्राह्मणवादी व्यवस्था के कारण ही हमारा शोषण होता आ रहा है इसीलिए अर्जक संघ की स्थापना हुई है।
शोकसभा को अन्य अर्जकों के अलावा अवधेश कुमार, आशा कुमारी, बीरेंद्र अर्जक, भीष्म भिखारी, भरत पाल, इंद्रदेव चौधरी, डॉ. राजकुमार प्रसाद, घनश्याम दांगी, सीताराम दांगी, भागीरथ प्रसाद वर्मा, सुरेश दास आदि ने सभा को संबोधित करते हुए समाज में व्याप्त अन्धविश्वासवर्धक रीति को नकारकर अर्जक संघ द्वारा प्रतिपादित मानववादी विचार, आचार, संस्कार और त्योहार अपनाने पर बल दिया। शोक सभा की अध्यक्षता पूर्व मुखिया राजेंद्र प्रसाद मेहता एवं संचालन जिला मंत्री विनोद विरोधी ने किया।