बौद्ध गुरु और बुद्दीस्ट क्षेत्र को बुरी नज़र से देखोगे तो आपकी आँखें नहीं रखेगी: - पैंथर डॉ. राजन माकणीकर*

मुंबई: दि (संवाददाता) देश में बहुसंख्यक भूमि महारो की भूमि है, बुद्धभूमी केहलाने वाले भारत मे अगर बौद्ध भिक्षु एवं बौद्ध क्षेत्र भूमी पर बुरी नजर डाली तो देखणे को आंखे नही रेह जायेगी यह बात रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया डेमोक्रॅटिक के राष्ट्रीय महासचिव डॉ राजन माकणीकर ने मीडिया के माध्यम से कही।*

रिपाई टीएम कांबले ग्रुप के राष्ट्रीय महासचिव पँथर डॉ. राजन माकनिकर ने अफसोस जताया कि बौद्ध धम्मगुरु भंते करुणानंद बोधी ने एक बौद्ध भिक्खु प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना की है, वहा पंचशील झंडा फहराया है, गाय बैल पशु पक्षीओंको पाणी पिणे हौद बांधा हैं, सिमेंट की टंकी के लिये पाईप लाईन की है। परंतु कुछ अधिकारी प्रशासनिक पद का दुरुपयोग कर रहे हैं और मानसिक रूप से पूज्य भंते करुणानंद बोधी का उत्पीड़न कर रहे हैं। येह बात गंभीर है, हम इस घटना की निंदा करके जो जातीवादी अधिकारी पूज्य बौद्ध गुरू पर हात उठाणे की जुरत की उनको निलंबित करणा चाहीये।

भारत धम्म की भूमि है और यदि इस भूमि पर बौद्ध धर्मगुरूओं को कोई संरक्षण नहीं है, तो बौद्ध और अम्बेडकरवादी वैचारिक दल सड़कों पर उतरेंगे। क्या सरकार और प्रशासन इस विस्फोट को रोक पाएंगे? ऐसा प्रश्न डॉ. माकणीकर ने उठाया।

डॉ माकणीकर ने आगे कहा, "हम, बुद्ध के विचार के अनुयायी, अहिंसक उपासक हैं, इसलिए यह मत सोचिए कि हम कायर हैं।"


भारत में सभी भूमि बौद्धों की है और अन्य भूमि अवैध रूप से अन्य धार्मिक लोगों द्वारा कब्जा कर ली गई है। अगर हम इस बात का पंचनामा करेंगे तो अवैद्य रूप से ली गयी जमीने आपके हाथो से छूट जायेगी, अभि जो हमारा हैं ऊसे हमारा ही रहणे दो। येह बात भी माकणीकर द्वारा की गयी।

याद रखें, वरिष्ठ अधिकारियों को तुरंत घटना की जांच करनी चाहिए, बौद्ध क्षेत्र में आश्रम की रक्षा करना चाहिए और श्रद्धेय भदंत करुणानंद बोधि, को सुरक्षा प्रदान करणी होगी। भविष्य के परिणामों को रोकना चाहिए और "उन" तीन जातीवादी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए जिन्होणे भन्ते को धक्का दिया , उन्हें निलंबित करना होगा, पार्टी प्रमुख कनिष्क कांबले के नेतृत्व में। महासचिव डॉ. राजन माकनिकर ने चेतावनी दी कि कॅप्टन श्रावण गायकवाड की अध्यक्षता में वन कार्यालय में तीव्र आंदोलन होगा।